आपको भी आए दिन लोन ट्रांसफर के कॉल आते होंगे। बैंक अक्सर लोन ट्रांसफर का विकल्प देकर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करते हैं। बैंक की ओर से लोन ट्रांसफर कराने पर कई तरह के फायदे गिनाए जाते हैं। इसमें कम ब्याज दर समेत अन्य लाभ बताया जाता है। बैंकिंग एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी लोन ट्रांसफर बिना सोचे समझे नहीं करना चाहिए। लोन ट्रांसफर करने से पहले ट्रांसफर कॉस्ट और बचत की गणना करनी चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि नफा के चक्कर में नुकसान हो जाता है। आइए जानते हैं कि लोन ट्रांसफर करने से पहले किन बातों का ख्याल रखें।
लोन बैलेंस ट्रांसफर कैसे काम करता है?
जब आप अपना लोन एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित करते हैं, तो आपका नया बैंक आपके मौजूदा ऋण का भुगतान करता है। अगर आपके लोन में पेमेंट क्लॉज शामिल है, तो आपको उन शुल्कों का भुगतान करना होगा। साथ ही, आपको अपने नए ऋण के लिए प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान भी करना पड़ सकता है। हालांकि, कम ब्याज दर के साथ, आप बचत कर सकते हैं। जब आप अपने लोन की ब्याज दर की तुलना किसी अन्य बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से करते हैं और पाते हैं कि आप अधिक दर का भुगतान कर रहे हैं, तो आप बेहतर सौदे की पेशकश करने वाले बैंक को अपना ऋण हस्तांतरित करने के इच्छुक होते हैं।
क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है असर
जब आप लोन ट्रांसफर के लिए किसी बैंक से संपर्क करते हैं, तो ऋणदाता आपको पैसे उधार देने के जोखिम का आकलन करने के लिए आपकी क्रेडिट स्कोर चेक करता है। इस प्रक्रिया को एक हार्ड इनक्वायरी के रूप में जाना जाता है। हार्ड इनक्वायरी क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
लोन ट्रांसफर पर लगने वाले हिडन चार्ज जानें
कोई भी लोन ट्रांसफर करने से पहले उसपर लगने वाले हिडन चार्ज को पता करें। इसलिए, निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं को पूरी तरह से समझना महत्वपूर्ण होता है। अगर बचत से अधिक लागत है तो लोन ट्रांसफर करना फायदे का सौदा नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि अपना ऋण बार-बार हस्तांतरित न करें, क्योंकि इससे जुड़ी लागतें प्रक्रिया को और अधिक महंगी बना देती हैं। उदाहरण के लिए, व्यक्तिगत ऋण के साथ पूर्व भुगतान शुल्क जुड़ा होता है। प्रोसेसिंग शुल्क, कानूनी शुल्क, स्टांप शुल्क और ऋण से जुड़े अन्य शुल्क भी होते हैं।