सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने बजट से पहले ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है। बैंक ने सभी अवधियों में मार्जिनल कॉस्ट लैंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) की दरों में 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा की है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रेग्युलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, नई दरें गुरुवार, 12 जनवरी से लागू हो गई हैं। इसस पहले दिसंबर 2022 में बैंक ने 30-आधार अंकों की बढोत्तरी की थी।
कितनी बढ़ी ब्याज दरें
- बैंक के अनुसार, एक महीने के लिए MCLR दर को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है।
- तीन महीने की एमसीएलआर दिसंबर 2022 में 8.05 प्रतिशत से बढ़कर 8.25 प्रतिशत हो गई। छह महीने की एमसीएलआर को 8.15 फीसदी से संशोधित कर 8.35 फीसदी कर दिया गया है।
- एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए नई दर अब मौजूदा 8.20 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.50 प्रतिशत कर दी गई है।
किन ग्राहकों पर असर
कॉरपोरेट कर्जदारों पर एमसीएलआर में बढ़ोतरी का सबसे बुरा असर पड़ेगा। मॉर्गेज, कंज्यूमर लोन, और लघु व्यवसाय ऋण सहित खुदरा उधार, सहित ज्यादातर दरें एमसीएलआर पर ही आधारित होती हैं।
रिजर्व बैंक मई से बढ़ा रहा है ब्याज दरें
2022 में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए, केंद्रीय बैंक ने आक्रामक रूप से ब्याज दरों में वृद्धि की है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस समय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात 2021-22 के दौरान चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया, इस दौरान कर्ज में तेज वृद्धि आई, वहीं जमा वृद्धि में कमी दर्ज की गई।
जमा के मुकाबले कर्ज की ग्रोथ डबल
आरबीआई के हालिया आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दिसंबर 2022 तक के दो हफ्तों में भारतीय बैंकों के ऋण में 17.5% की वृद्धि हुई है। वहीं, इस दौरान डिपॉजिट में 9.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। मई 2022 से, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति, जो ब्याज दरें निर्धारित करती है, ने दरों को पांच गुना बढ़ाकर कुल 225 आधार अंक कर दिया है।