शेयर बाजार में बीते लंबे से निवेशकों के हाथ जल रहे हैं। जब शेयर निवेशकों को बाजार निराश कर रहा है, तो म्यूचुअल फंड हाउसेज के क्या कहने। यहां भी निवशकों को अच्छे दिनों की तलाश है। यह बात म्यूचुअल फंड की ओर से पेश किए जा रहे आंकड़ों से साफ पता चल रही है। भले ही गिरावट के दौर में म्यूचुअल फंड में निवेश निवेशकों के बीच लगातार लोकप्रिय बना हुआ है। हालांकि, खुदरा निवेशकों का औसत निवेश मार्च में तीन प्रतिशत गिरकर 68,321 रुपये रह गया।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा निवेशकों के खातों का औसत आकार मार्च, 2022 में 70,199 रुपये था, जबकि मार्च, 2023 में यह 68,321 रुपये रह गया। वहीं दूसरी तरफ, समीक्षाधीन समय में संस्थागत निवेशकों का निवेश 10.11 करोड़ रुपये प्रति खाता रहा। बॉन्ड में निवेश वाली योजनाओं के लिए औसत निवेश 14.53 लाख रुपये रहा, जबकि इक्विटी केंद्रित कोषों के लिए यह 1.54 लाख रुपये था।
आमतौर पर, गैर-इक्विटी संपत्तियों की तुलना में इक्विटी संपत्तियों में निवेश की अवधि लंबी रहती है। इक्विटी परिसंपत्तियों का 45 प्रतिशत दो साल से अधिक समय तक जमा रहता है। खुदरा निवेशकों के पास दो साल से अधिक के लिए 56.5 प्रतिशत इक्विटी संपत्ति है।