बीमा कंपनियों ने उतारी ‘कोरोना कवच पॉलिसी’, जानिए शर्तें और पॉलिसी के फायदे
मेरा पैसा | 10 Jul 2020, 10:58 PMबीमा राशि 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक और अवधि साढ़े 9 महीने तक होगी
बीमा राशि 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक और अवधि साढ़े 9 महीने तक होगी
इस बार फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड्स 2020 के लिए ब्याज दर तय नहीं रहेगी। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आबरीआई) इन बांड को जारी करेगा।
क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन से बेहतर है ओवरड्रॉफ्ट सुविधा
बाजार में उतार चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा बेहतर विकल्प
कोरोना संकट की वजह से आर्थिक संकट के बाद एफडी पर रिटर्न घटा
कोरोना संकट के बीच नकदी समस्या को देखते हुए बैंक ऑफर कर रहें हैं EMI का विकल्प
स्कीम की मदद से ऊंचे और सुरक्षित रिटर्न के साथ टैक्स छूट भी
कोरोना संकट को देखते हुए एजुकेशन लोन EMI में राहत का ऐलान किया गया है
ऑनलाइन एप्लीकेशन देने और भुगतान करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट
बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में बेहद मददगार है सुकन्या समृद्धि
कुछ कार कंपनियां शुरुआती कुछ EMI एक हजार रुपये प्रति लाख से कम पर ऑफर कर रही हैं
कई लोगों को यह गलतफहमी भी है कि यदि कर्ज लेने वाले व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसका कर्ज भी माफ हो जाता है।
पीएफआरडीए ने ई-एनपीएस/प्वाइंट ऑफ प्रजेंस केंद्रों को संभावित अंशधारकों की सहमति के साथ ऑफलाइन आधार के जरिये एनपीएस खाता खोलने की अनुमति दी है।
अगर आपको भी कैश की कमी हो रही है तो आप अपने म्यूचुअल फंड को बंद न करके उसमें निवेश किए कुछ पैसे रिडीम कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में पीएमवववाई के तहत अधिकतम निवेश राशि दोगुनी कर 15 लाख प्रति वरिष्ठ नागरिक कर दी गई है।
5 से 10 साल के बीच की अवधि के जमा पर 0.75 फीसदी अधिक ब्याज
वित्त मंत्री ने अपने राहत पैकेज में स्पष्ट किया है कि टीडीएस व टीसीएस की दर में 25 प्रतिशत की छूट केवल गैर-वेतन वाले भुगतान के लिए है।
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत सालाना 6 लाख से 18 लाख रुपए कमाने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। हम आपको बता दें कि अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के माध्यम से सरकार लोगों को 2022 तक सस्ते घर दिलाने के लिए पीएम आवास योजना 2015 में लेकर आई थी।
ईपीएफओ ने फैसला किया है कि परिचालन या आर्थिक कारणों से इस तरह की देरी को डिफ़ॉल्ट और दंडनीय नुकसान नहीं माना जाना चाहिए। इस तरह की देरी के लिए जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।
जोखिम और रिटर्न के हिसाब से गोल्ड बॉन्ड में निवेश सोना खरीदने से ज्यादा फायदेमंद
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