आपको जानकार शायद यह आश्चर्य होगा कि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) अकाउंट को बंद कराने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके चलते बंद होने वाले एसआईपी खातों की संख्या मई में मासिक आधार पर 7.4 प्रतिशत बढ़कर 14.19 लाख हो गई। म्यूचुअल फंड उद्योग के शीर्ष निकाय 'एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया' (एएमएफआई) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। एसबीआई म्यूचुअल फंड के उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कारोबार अधिकारी डी पी सिंह ने कहा कि बंद होने वाले खातों की तुलना में नए एसआईपी खातों की अधिक संख्या इस निवेश माध्यम में निवेशकों के सतत विश्वास को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि एसआईपी खातों को बंद करने की सुविधा ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध होने की वजह से संभवतः पुराने खातों को निरस्त करने की संख्या बढ़ी है।
नए एसआईपी खातों का पंजीकरण भी बढ़ा
एक तरह पुराने एसआईपी अकाउंट बंद हो रहें हैं तो उसी अनुपात में नए खुल भी रहे हैं। नए एसआईपी खातों का पंजीकरण अप्रैल के 19.56 लाख से बढ़कर मई में 24.7 लाख हो गया। इस तरह पिछले महीने पांच लाख से अधिक नए खातों का पंजीकरण हुआ। इस बीच, निवेशकों ने म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाना जारी रखा है। अप्रैल में हल्की गिरावट के साथ एसआईपी में निवेश 13,728 करोड़ रुपये रहा, जो मई में 14,749 करोड़ रुपये के नए उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसके पहले मार्च में यह 14,276 करोड़ रुपये था। मई में निवेश बढ़ने से एसआईपी की प्रबंधन के अधीन संपत्तियां (एयूएम) पांच प्रतिशत बढ़कर 7.53 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जबकि अप्रैल में 7.17 लाख करोड़ रुपये थी। पुराने खातों के बंद होने के बीच एसआईपी प्रवाह बढ़ने का मतलब है कि नए निवेशक औसत निवेश की तुलना में अधिक राशि का निवेश कर रहे हैं।
1.43 करोड़ एसआईपी बंद किए गए
आंकड़ों के अनुसार, बंद या परिपक्व होने वाले एसआईपी खातों की संख्या अप्रैल में 13.21 लाख से बढ़कर मई में 14.19 लाख हो गई। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2022-23 में 1.43 करोड़ एसआईपी बंद किए गए या परिपक्व हो गए। यह संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 1.11 करोड़ एसपीआई की थी। इसके अलावा, इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं का एयूएम मई में मासिक आधार पर 4.5 प्रतिशत बढ़कर 16.56 लाख करोड़ रुपये हो गई। इक्विटी योजना की बिक्री मासिक आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 34,100 करोड़ रुपये हो गई।