नई दिल्ली। हम सभी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में बच्चों की एजुकेशन को शुमार जरूर करते हैं। इसके लिए हम पैसे बचाते हैं, अलग अलग इंस्ट्रूमेंट्स में इंवेस्ट करते हैं। लेकिन जिस तरह एजुकेशन महंगी होती जा रही है, अक्सर हमारी प्लानिंग वास्तविक खर्च से कम रह जाती है। इसके लिए हम एजुकेशन लोन का सहारा ले तो लेते हैं, लेकिन इससे हमारी टैक्स और फाइनेंशियल प्लानिंग दोनों ही प्रभावित होती हैं। लेकिन यदि आप समझदारी से काम लें तो ये बच्चे के कैरियर के लिए लिया गया लोन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के तहत व्यक्तिगत करदाता एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज की राशि की आय में से छूट प्राप्त कर सकते हैं।
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जानिए कहां मिलेगा बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स का फायदा
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कौन से करदाता ले सकते हैं इस छूट का लाभ
आयकर कानून के मुताबिक एजुकेशन लोन पर टैक्स का फायदा केवल व्यक्तिगत करदाता को ही मिलता है। यदि आप इंडिविजुअल टैक्स पेयर हैं तो एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। लेकिन यदि आप एचयूएफ या अन्य श्रेणी के करदाता हैं तो आपको एजुकेशन लोन पर इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
किसकी एजुकेशन के लोन पर मिलेगी टैक्स छूट
करदाता स्वयं अपनी, अपने जीवनसाथी या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोन लेता है तो आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के तहत टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है। कर निर्धारण वर्ष 2010-11 से किसी छात्र के वैधिक अभिभावक की हैसियत से भी यदि शिक्षा लोन लिया गया है तो धारा 80-ई के तहत टैक्स में छूट प्राप्त की जा सकती है। टैक्स छूट का लाभ उसी व्यक्ति को मिलता है, जिसने लोन लिया है।
किस एजुकेशन के लोन पर मिलेगा फायदा
धारा 80-ई के तहत कर निर्धारण वर्ष 2010-11 से शिक्षा का दायरा बढ़ाकर उन सभी एजुकेशन को शामिल कर लिया गया है, जो सीनियर सेकंडरी या समकक्ष के बाद किसी स्कूल, बोर्ड या विश्वविद्यालय, जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, से ग्रहण की जाए।
एजुकेशन लोन पर कितनी छूट मिलती है
एजुकेशन लोन पर चुकाए गए संपूर्ण ब्याज की छूट प्राप्त की जा सकती है। ध्यान रहे, एजुकेशन लोन पर प्रिंसीपल रिपेमेंट की छूट प्राप्त नहीं की जा सकती है। ब्याज चुकाने वाले प्रथम वर्ष से लेकर अगले 7 वर्ष तक या जब तक ब्याज चुकाया जाए, दोनों में से जो भी पहले समाप्त हो, उस वर्ष तक टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। धारा 80-ई के तहत टैक्स छूट प्राप्त करने के लिए किसी बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट या किसी चैरिटेबल इंस्टीट्यूट, जो कि धारा 10 (23-सी) या धारा 80-जी (2) (ए) के तहत अधिकृत हो, से ही लिया जाना आवश्यक है।