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बिना क्रेडिट स्‍कोर के भी मिलता है पर्सनल लोन, जनिए क्‍या है तरीका

भारत में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिनकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री नहीं है। हालांकि, बढ़ती प्रौद्योगिकी के इस दौर में कर्जदाताओं ने कुछ नए तरीके अपनाए हैं जिनके आधार पर वे बिना क्रेडिट वाले व्‍यक्ति को लोन देते हैं।

Written by: Manish Mishra
Updated : December 10, 2017 13:17 IST
Loan Aprroval- India TV Paisa
Loan

नई दिल्‍ली। ऐसी परिस्‍थतियों के बारे में सोचना लगभग असंभव है जब किसी व्‍यक्ति को अनुमानित या अचानक समाने आए खर्चों जैसे कि किराया, ईंधन, बच्‍चों की शिक्षा, शादी, मेडिकल बिल आदि के लिए पैसों की जरूरत न पड़े। पैसों की जरूरत पूरी करने का सबसे लोकप्रिय तरीका उधार लेना है। इनमें भी सबसे प्रचलित है पर्सनल लोन। जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड भी बड़ा काम आता है। कार लोन और होम लोन से अलग पर्सनल लोन का इस्‍तेमाल किसी भी उद्देश्‍य के लिए किया जा सकता है। कर्जदाता के लिए यह मायने नहीं रखता कि लोन लेने वाला व्‍यक्ति उसका इस्‍तेमाल किस प्रकार करता है।

आज की स्थिति में किसी से उधार लेना या बैंक, गैर-वित्‍तीय बैंकिंग कंपनियों (NBFC) और पी2पी कर्जदाताओं से लोन लेना काफी आसान है। बैंकों से पर्सनल लोन लेने के मामले में व्‍यक्ति की क्रेडिट हिस्‍ट्री और क्रेडिट स्‍कोर उसके लोन लेने की पात्रता में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

क्रेडिट स्‍कोर के आधार पर पर्सनल लोन की पात्रता

पर्सनल लोन पाने के लिए आवेदक का क्रेडिट स्‍कोर 750 या इससे अधिक होनी चाहिए। किसी व्‍यक्ति की क्रेडिट स्‍कोर जितनी अधिक होगी उसके पर्सनल लोन की पात्रता भी उतनी ही अधिक होगी। लोन के आवेदन की प्रोसेसिंग या पर्सनल लोन की मंजूरी से पहले कर्जदाता यह जरूरत देखते हैं कि आवेदक का क्रेडिट स्‍कोर न्‍यूनतम 750 है या नहीं। इसलिए, बेहतर रहेगा कि पर्सनल लोन के लिए अप्‍लाई करने से पहले अपना क्रेडिट स्‍कोर जरूर चेक कर लें। एक अच्‍छा या ज्‍यादा क्रेडिट स्‍कोर आपके पर्सनल लोन लेने की प्रक्रिया में तेजी आ जाएगी।

क्‍या है क्रेडिट स्‍कोर?

किसी व्‍यक्ति की क्रेडिट स्‍कोर की गणना क्रेडिट संबंधी गतिविधियों जैसे बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड के भुगतान, EMI के भुगतान आदि के आधार पर की जाती है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्‍यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) व्‍यक्तियों और कंपनियों की क्रेडिट संबंधी गतिविधियों की जानकारी मेनटेन करती है और इसी आंकड़े के आधार पर क्रेडिट स्‍कोर की गणना की जाती है। कोई भी कर्जदाता अच्‍छे क्रेडिट स्‍कोर वाले अप्‍लीकेंट को तरजीह देता है क्‍योंकि यह बेहतर क्रेडिट हिस्‍ट्री का एक संकेत है। इसका मतलब होता है कि कर्ज लेने वाला व्‍यक्ति समय पर उसका भुगतान करने में सक्षम है।

खराब क्रेडिट स्‍कोर से कैसे बचें?

लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्‍कोर की जांच कर लीजिए और इसमें सुधार की दिशा में कदम उठाइए। इस प्रकार, जब आप लोन के लिए अप्‍लाई करेंगे तो इसके मंजूर होने की संभावना बढ़ जाएगी। आप खराब क्रेडिट स्‍कोर से इन तरीकों से बच सकते हैं :

  • समय पर करें भुगतान : EMI या क्रेडिट कार्ड के आंशिक, विलंबित या भुगतान नहीं करनेसे आपका क्रेडिट स्‍कोर नकारात्‍मक रूप से प्रभावित होता है। इसलिए, तय तारीख से पहले इनका पूरा भुगतान कर दिया कीजिए।
  • अपनी क्रेडिट लिमिट की सीमा पार न करें : अगर आप अपनी क्रेडिट लिमिट के 50 फीसदी को पार कर जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्‍कोर कम होगा। अपने खर्च पर लगाम लगाएं। गैर-जरूरी खर्च करने से बचें।
  • एक ही समय में कई क्रेडिट कार्ड्स या लोन के लिए अप्‍लाई न करें : कई सारे क्रेडिट कार्ड्स या लोन के लिए एक ही समय में आवेदन करने से आपके क्रेडिट स्‍कोर पर खराब असर होगा क्‍योंकि किसी भी आवेदन के खारिज होने का बुरा प्रभाव आपके क्रेडिट स्‍कोर पर पड़ेगा।
  • सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड लोन के बीच रखें सामंजस्‍य : पर्सनल लोन अनसिक्‍योर्ड लोन होते हैं क्‍योंकि इनके लिए कुछ भी गिरवी नहीं रखी जाती और न ही कोई सिक्‍योरिटी दी जाती है। इसे संतुलित करने के लिए आप कार लोन या होम लोन ले सकते हैं।

कैसे पाएं अपना क्रेडिट स्‍कोर?

साल में एक बार आप CIBIL, एक्‍सपीरियन या इक्विफैक्‍स से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्‍त कर सकते हैं। इन तीन क्रेडिट ब्‍यूरो की वेबसाइट पर जाकर आप अपने क्रेडिट स्‍कोर के लिए आवेदन कर सकते हैं।

बिना क्रे‍डिट स्‍कोर के ऐसे मिलता है पर्सनल लोन

हो सकता है आपके पास एक हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी हो जो आपातकालीन परिस्थितियों में आपको पर्याप्‍त हेल्‍थकेयर की सुविधा उपलब्‍ध कराता हो। संभव है कभी ऐसा भी हो कि इमरजेंसी में हॉस्पिटल में भर्ती होने पर आपको कैशलेस क्‍लेम की सुविधा न मिले और आप मेडिकल बिल के जाल में उलझ कर रह जाएं। ऐसे में आपको उस समय तो अपनी जेब से ही भुगतान करना होगा भले आप रीम्‍बर्समेंट क्‍लेम आप बाद में करें।

ऐसी परिस्थिति में मेडिकल बिल के भुगतान के लिए या तो आपको अपनी बचत में सेंध लगानी होगी या फिर किसी से उधार लेना होगा। मान लीजिए, आपका क्रेडिट स्‍कोर भी खराब हो और लोन के लिए किया गया आवेदन भी बैंक खारिज कर दे तो आप क्‍या करेंगे?

भारत में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिनकी कोई क्रेडिट हिस्‍ट्री नहीं है। हालांकि, बढ़ती प्रौद्योगिकी के इस दौर में कर्जदाताओं ने कुछ नए तरीके अपनाए हैं जिनके आधार पर वे बिना क्रेडिट वाले व्‍यक्ति को लोन देते हैं। फाइनेंशियल इंडस्‍ट्री में बढ़ते इनोवेशन से न सिर्फ ग्राहकों को फायदा हो रहा है बल्कि कर्ज दाताओं को भी लाभ हो रहा है क्‍योंकि वे उस संभावित बाजार में भी अपनी पहुंच बना रहे हैं जहां अभी तक नहीं पहुंचा जा सका था। इससे कर्जदाताओं को अपना मुनाफा बाजार हिस्‍सेदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। किसी व्‍यक्ति की ऋण लेने की पात्रता कैसी है, इसका आकलन कर्जदाता इन नए तरीकों से करते हैं :

  • मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल : किसी व्‍यक्ति के ऋण लेने की पात्रता उसके फोन के इस्‍तेमाल के आधार पर भी निर्धारित हो सकती है। कौन कितना मैसेज या कॉल करता है, इससे भी ऋण लेने की पात्रता निर्धारित करने में मदद मिल सकती है।
  • प्रश्‍नावली : दूसरा तरीका है तैयार प्रश्‍नावली के जरिए किसी व्‍यक्ति की वित्‍तीय और उधार लेने की आदतों का आकलन किया जाए।
  • सोशल मीडिया : किसी व्‍यक्ति सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भी उसका क्रेडिट स्‍कोर निर्धारित किया जाता है। सोशल मीडिया में व्‍यक्ति के सोशल नेटवर्क और विभिन्‍न सोशल मीडिया प्‍लैटफॉर्म जैसे लिंक्‍डइन, टि्वटर, फेसबुक आदि पर उसके पोस्‍ट्स शामिल हैं। कंपनियां ऐसी जानकारियां बिना लोगों की इजाजत लिए जुटा कर उसका विश्‍लेषण करती है।

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