लोन न चुकाने पर भुगतने पड़ सकते हैं ये तीन अंजाम, इस तरह रह सकते हैं सावधान
Home loan से पहले परखें अपनी इन हैंड सैलरी-
जाहिर तौर पर अगर आप होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो आप अपनी सैलरी से ही चुकाना चाहेंगे। आपकी जानकारी के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आप अपनी इनहैंड सैलरी का अधिकतम 40 फीसदी हिस्सा ही बतौर ईएमआई चुका सकते हैं। मान लीजिए आपकी सैलरी 50 हजार है और आपके हाथ में सिर्फ 45,000 रुपए आते हैं तो आप अपनी इन हैंड सैलरी से 40 फीसदी हिस्सा यानी 18,000 रुपए बतौर ईएमआई (आसान मासिक किस्त) चुका सकते हैं। अब आप तय करें कि आप इस स्थिति में हैं या नहीं। सबसे जरूरी बात आपकी साख की होती है। आपको यह ध्यान देना होगा कि आप जिस बैंक में लोन की अर्जी दे रहे हैं उसमें खुले आपके खाते में मासिक लेन-देन की स्थिति बेहतर है या नहीं। अगर आपकी मासिक लेन-देन की स्थिति बेहतर होगी तो बैंक भी लोन देने में ज्यादा आनाकानी नहीं करेगा।
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काफी अहम होती है आपकी उम्र-
ऐसा नहीं है कि बैंक सिर्फ आपकी शक्ल और आपके पहनावे भर को देखकर आपकी होमलोन की अर्जी को पास कर देता है। बैंक आपकी उम्र का भी ध्यान रखता है। सीधे सीधे समझें तो अगर आपकी उम्र कम है तो बैंक आपको लांग टर्म लोन देने में भी नहीं हिचकिचाएगा, लेकिन कहीं अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं तो बैंक बमुश्किल से आपको शार्ट टर्म लोन देने को राजी होगा। ऐसे में आपको ज्यादा उम्र में भी लोन तो मिल जाएगा, लेकिन उसकी ईएमआई काफी ज्यादा होगी।
बहुत काम का है इनकम टैक्स रिटर्न-
होम लोन लेना बच्चों का खेल नहीं है। आपको इसमें कदम दर कदम फूंक फूंक कर रखना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप हर कदम के बारे में वाकिफ हो लें। वैसे काफी सारे लोग इनकमटैक्स रिटर्न से कतराते हैं लेकिन जो लोग बाकायदा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं उन्हें काफी फायदा होता है। क्योंकि होम लोन या किसी भी प्रकार का लोन देने के दौरान बैंक आपसे बीते दो या तीन साल के आयकर रिटर्न का प्रमाण मांगते हैं। ऐसे में अगर आप बराबर रिटर्न दाखिल करते हैं तो यह आपके बड़े काम आता है। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो भी आपको लोन लेते वक्त चौकन्ना रहने की जरूरत है क्योंकि आवेदन के दौरान बैंक आपसे आपकी कुछ महीने की सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 का रिकॉर्ड के साथ साथ बीते 6 से 7 महीनों का बैंक स्टेटमेंट भी मांगता है। अगर आप इन सब बातों का ख्याल रखते हैं तो आपको होम लोन लेने में ज्यादा दिक्कतें नहीं आती हैं।
कभी न बिगाड़ें क्रेडिट हिस्ट्री-
काफी सारे लोग ऐसे होते हैं जो क्रेडिट कार्ड रखने के शौकीन होते हैं, लेकिन उन्हें भुगतान करना कतई रास नहीं आता, ऐसे में वो अपनी तयशुदा राशि न जमाकर बैंक में अपने रिकॉर्ड को खराब कर या कुछ सेटेलमैंट के जरिए अपनी क्रेडिट साख को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो या तो आप ऐसा करने की आदत छोड़ दें या आप लोन लेने का सपना पालना छोड़ दें। क्योंकि बैंक इन छोटी छोटी बातों का भी बड़ा ख्याल रखते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि बैंक में आपकी साख हरदम अच्छी बनी रहे और आप अपने अथक प्रयासों के जरिए उसपर कभी भी बट्टा न लगने दें।