नई दिल्ली। सुरक्षित निवेश की जब भी बात होती है तो लोगों के दिमाग में सिर्फ फिक्स्ड डिपॉजिट ही आता है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि FD में ब्याज बाकी निवेश विकल्पों से काफी कम हो गया है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए अब एफडी से निवेशकों को ज्यादा रिटर्न नहीं मिल रहा है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड करना चाहिए और दूसरे असेट्स में निवेश के विकल्प भी देखने चाहिए। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कहां निवेश से आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
कोरोना महामारी की वजह से होने वाले आर्थिक संकट और महंगाई दर में बढ़ोतरी से फिलहाल एफडी में निवेश करना फायदेमंद बिलकुल नही माना जा रहा है। ऐसे में अगर आप लंबी अवधि के लिए बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो आप कई दूसरे विकल्प जैसे कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, पीपीएफ, इक्विटी, पोस्ट ऑफिस बचत योजना, सोना आदि में अपना पैसा लगा सकते हैं।
1.इक्विटी म्यूचुअल फंड्स:
कोरोना की वजह से शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है और निवेशकों का भरोसा कारोबार में मंदी के वजह से थोड़ा डगमगा सा गया है। लोकिन, अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो यही सबसे सही मौका है कि आप कम NAV में अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए पैसा लगा सकते हैं। कोरोना महामारी के बाद जब चीजें सामान्य होने लगेंगी और अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा तो लंबी अवधि में किए गये इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश से अच्छा रिटर्न मिलेगा। सही फंड्स का चुनाव करने पर लंबी अवधि में 15 से 25 फीसदी तक का रिटर्न पाया जा सकता है।
2. लिक्विड म्यूचुअल फंड्स:
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स डेट कैटेगरी में आता है और इसमें पैसा ट्रेजरी बिल्स, गर्वमेंट सिक्योरिटीज और कॉल मनी जैसे मार्केट के शॉर्ट टर्म वाले मार्केट इंस्टूमेंट्स में पैसा निवेश करते हैं। ज्यादातर निवेशको को कम अवधि में अच्छा रिटर्न लेने के लिए लिक्विड फंड्स में निवेश करने की सलाह दी जाती है। यहां कम समय में बेहतर रिटर्न मिलता है और इसमें एंट्री या एग्जिट लोड चार्ज भी नहीं लगता है। कम जोखिम में निवेशक एफडी, बैंक सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाले ब्याज और रिटर्न से कहीं ज्यादा मुनाफा इन फंड्स से प्राप्त कर सकते हैं।
3. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF):
सबसे सुरक्षित निवेश की बात की जाए तो सरकारी गारंटी वाला पीपीएफ एक अच्छा विकल्प माना जाता है। निवेशकों को इसमें एक निश्चित रिटर्न प्राप्त होता है जिसके ब्याज पर कोई टैक्स भी नहीं लगता। साथ ही इनकम टैक्स के धारा 80C के तहत निवेशकों को टैक्स छूट भी मिलती है। 15 साल के लिए निवेश करने पर एक बेहतर रिटर्न मिलता है। निवेशक 3 साल के निवेश के बाद पीपीएफ के जरिए 1 फीसदी ब्याज पर लोन भी ले सकते हैं। वहीं जरुरत पड़ने पर खाते के 5 साल पूरे होने के बाद 50 फीसदी रकम निकाली भी जा सकती है। कम रिस्क के साथ ज्यादा ब्याज मिलने वाला ये सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प है।
4.पोस्ट ऑफिस बचत योजना:
पोस्ट ऑफिस में निवेश किया गये पैसों को काफी सुरक्षित विकल्प माना जाता है। निवेशकों को पीपीएफ और बाकी म्यूचुअल फंड्स के साथ साथ पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम पर भी ध्यान देना चाहिए। खासकर के मासिक आय योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग्स स्कीम जैसे विकल्पों में बेहतर और फिक्स्ड रिटर्न के लिए निवेश कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की सभी योजनाओं को केंद्र सरकार संचालित करती है और गारंटी देती है।इसलिए, इसमें लगाया निवेशकों का पैसा सुरक्षित भी है और टैक्स बचत के साथ बेहतर रिटर्न भी देता है।
5. गोल्ड में निवेश:
ज्यादातर निवेश सलाहकार निवेशकों को यही सलाह देते हैं कि अपने पोर्टफोलियो में सिर्फ 10 फीसदी ही सोने में निवेश करें। भारत में कई लोग मुश्किल के वक्त़ सोने को इमरजेंसी फंड की तरह देखते हैं। पिछले कुछ सालों से अगर देखा जाए तो सोने में 23-24 फीसदी तक की तेजी आई है। ऐसे में अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो डिजिटल सोना खरीदें। सरकारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेश कर सकते हैं। डिजिटल सोना खरीदने से आपको रिटर्न भी अच्छा मिलेगा और प्योरिटी के साथ मेकिंग चार्जेज भी नहीं लगता। आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा कर आसानी से चाहें तो सोने में ट्रेड भी कर सकते हैं और कम समय में एफडी से ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
किसी भी असेट ऐलोकेशन से पहले अपने निवेश सलाहकार से जानकारी अवश्य लें। हर निवेश से पहले निवेश के मकसद और अवधि को तय करें। बिना रिसर्च के किसी भी निवेश विकल्प को नहीं चुनें। अगर आप 5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार में ब्लूचिप कंपनियों के साथ ELSS में निवेश कर सकते हैं। अगर 5 से ज्यादा सालों के लिए निवेश करना है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए पैसा लगाना भी सही विकल्प है। जानकारों के मुताबिक एफडी से निवेशकों को 5-10 फीसदी का रिटर्न मिलने की ही संभावना होती है।