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2020 तक आठ प्रमुख शहरों में होगी 41.56 लाख घरों की मांग, डेवलपर्स नहीं कर पाएंगे मांग के अनुरूप आपूर्ति

शहरी क्षेत्र में घरों की मांग 2020 तक 41.56 लाख यूनिट की होगी, इसके विपरीत निजी डेवलपर्स केवल 10.23 लाख यूनिट की ही आपूर्ति कर पाने में सक्षम होंगे।

Abhishek Shrivastava
Published : December 10, 2016 13:54 IST
2020 तक आठ प्रमुख शहरों में होगी 41.56 लाख घरों की मांग, डेवलपर्स नहीं कर पाएंगे मांग के अनुरूप आपूर्ति
2020 तक आठ प्रमुख शहरों में होगी 41.56 लाख घरों की मांग, डेवलपर्स नहीं कर पाएंगे मांग के अनुरूप आपूर्ति

नई दिल्‍ली। देश के प्रमुख आठ शहरों में घरों की मांग बहुत अधिक बढ़ने वाली है। कुशमैन एंड वेकफील्‍ड द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि शहरी क्षेत्र में घरों की मांग 2020 तक 41.56 लाख यूनिट की होगी, इसके विपरीत निजी डेवलपर्स केवल 10.23 लाख यूनिट की ही आपूर्ति कर पाने में सक्षम होंगे।

यह आठ शहर हैं- अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर(एनसीटी, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम और नोएडा), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई औश्र पुणे।

रिपोर्ट के अनुसार 2016-2020 के दौरान प्रमुख आठ शहरों में कुल मकानों की मांग लगभग 42 लाख यूनिट रहने का अनुमान है। इसके अनुसार निजी डेवलपर्स द्वारा इस दौरान निर्माणाधीन व योजनागत 10 लाख मकानों की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है।

  • सबसे ज्‍यादा मांग दिल्‍ली-एनसीआर में रहेगी, यहां 2020 के अंत तक करीब 10 लाख यूनिट की मांग होगी।
  • यह भी अनुमान है कि सबसे ज्‍यादा मांग एलआईजी (15 लाख रुपए से कम) मकानों की होगी।
  • 2020 तक तकरीबन 19.8 लाख एलआईजी यूनिट की मांग का अनुमान है, इसमें प्राइवेट डेवलपर्स केवल 25,000 यूनिट की आपूर्ति करेंगे।
  • इसी प्रकार एमआईजी (15-70 लाख रुपए) मकानों की मांग 14.57 लाख युनिट की होगी, जबकि इसके विपरीत आपूर्ति केवल 6.47 लाख यूनिट की रहेगी।
  • कुल हाउसिंग आर्पू‍ति में 63 प्रतिशत हिस्‍ससा एमआईजी मकानों का ही होता है।

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