नई दिल्ली। तेजी से बढ़ते मेडिकल खर्च को देखते हुए आज हेल्थ Insurance कवर लेना बहुत ही जरूरी है। एक छोटी सी बीमारी न सिर्फ आपकी बरसों की कमाई स्वाहा कर सकती है, वहीं आपको कर्ज के बोझ के तले दबा सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस आपको बीमारी के खर्च से राहत देता है। लेकिन कई बार हम आंख मूंद कर पॉलिसी खरीद लेते हैं। जो कि हमारे फायदे की बजाए नुकसानदेह होती है। Insurance पॉलिसी होने के बाद भी हमें अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है कुछ खास टिप्स के बारे में जिन पर अमल कर आप अपने और अपने परिवार के लिए पर्फेक्ट पॉलिसी ले सकते हैं।
पॉलिसी लेने से पहले क्लेम के क्लॉज पढ़ लें
Insurance पॉलिसी लेते वक्त हम अक्सर सिर्फ प्रीमियम अमाउंट ही देखते हैं। जबकि कई बार आपका एजेंट पॉलिसी के पीछे के क्लॉज नहीं बताता। कई पॉलिसी में कंपनी पूरे भुगतान में कटौती का क्लॉज डाल देती है। जैसे पॉलिसीधारक को क्लेम के 1/5वें हिस्से का भुगतान खुद करना होगा। ऐसे में पॉलिसी के सभी क्लॉज ध्यान से पढ़ लें।
कैशलैस अस्पतालों की लिस्ट भी जांच लें
अक्सर हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त नेटवर्क हॉस्पिटल पर ध्यान ही नहीं देते। नेटवर्क हॉस्पिटल से बाहर इलाज करवाते वक्त हमें इलाज का पूरा पैसा अस्पताल को भुगतान करना पड़ता है। इसके बाद हमें इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज और रिपोर्ट कंपनी के पास भेजनी होती है। इसमें महीने भर से अधिक का समय लग सकता है। ऐसे में पॉलिसी लेते वक्त उसी कंपनी का चयन करें जिसके कैशलैस सुविधा वाले नेटवर्क आपके शहर में हों।
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पॉलिसी में कवर हों प्री एवं पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन
हमारी बीमारी का करीब 50 फीसदी खर्च ओपीडी, प्री और पोस्ट होस्पिटलाइजेशन पर होता है। ऐसे में पॉलिसी लेते वक्त यह जरूर देख लें कि वह कंपनी आपको कितने समय का प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन के खर्च की भरपाई करने के लिए Insurance पॉलिसी में पर्याप्त कवर दे रही है कि नहीं।
पॉलिसी में शामिल हो डे केयर
अक्सर हेल्थ पॉलिसी देने वाली इंश्योरेंस कंपनियां कम से कम 24 घंटे हॉस्पिटलाइजेशन पर ही इंश्योरेंस कवर मुहैया करवाती हैं। लेकिन बहुत सी बीमारी ऐसी होती हैं जिनके लिए 24 घंटें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। ऐसी पॉलिसी लें जो अधिकांश डे केयर प्रॉसिजर को कवर करती है।
पॉलिसी लेते वक्त जरूर करें कंपेरिजन
आज बहुत सी वेबसाइट हैं जो कि प्राइज के साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस के कवरेज का भी कंपेरिजन पेश करती हैं। इन वेबसाइट्स या फिर पत्रिकाओं की मदद जरूर लें। अलग अलग कंपनियों के प्लान की तुलना कर के देखें कि ज्यादा प्रीमियम कौन दे रहा है। हमेशा विश्वसनीय इंश्योरर का ही चयन करें।
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