नई दिल्ली। अपनी सेकेंड ईनिंग यानि कि Retirement के लिए प्लानिंग हम सभी के लिए जरूरी है। क्योंकि जवानी के दिनों में की गई इसी प्लानिंग के सहारे हम आज से 20 या 25 साल बाद की महंगाई से मुकाबला कर सकेंगे। इसी लिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट लोगों से उनकी पहली सैलरी आने के साथ ही रिटायरमेंट प्लानिंग की सलाह देते हैं। क्योंकि आप जितनी जल्दी इसके बचत करना शुरु करेंगे आपको उतना ही ज्यादा समय रिटारमेंट फंड के लिए मिल जाएगा। लेकिन तमाम कोशिशों और सावधानियों के बावजूद हम कुछ निवेश के दौरान गलतियां कर जाते हैं,जिनका खामियाजा रिटायरमेंट के वक्त भुगतना पड़ता है। आप भी देख लें कहीं इन्हीं कारणों से आपकी भी रिटायरमेंट प्लानिंग फेल तो नहीं हो रही।
अपनी लाइफस्टाइल का हिसाब न रखना
अक्सर लोग Retirement प्लानिंग शुरू कर देते हैं। लेकिन जब वास्तव में उन्हें पैसों की जरूरत होती है, तो यह नियमित आय उनकी लाइफ स्टाइल से जुड़ी जरूरतें पूरी नहीं कर पाती। ऐसे में प्लानिंग के साथ ही इस बात का फैसला कर लें कि रिटारमेंट के बाद भी क्या आप आज जैसी लाइफस्टाइल जीना चाहते हैं। क्या आप ज्यादातर बाहर का खाना खाएंगे? हर हफ्ते हॉल पर फिल्म देखने जाएंगे? कोई नई प्रॉपर्टी खरीदेंगे? अगर आप आज मौजूदा समय में यह नहीं जानते कि रिटारमेंट के बाद आप कैसा लाइफस्टाइल जीना चाहते हैं तो आपके लिए बचत, निवेश और खर्चे से जुड़े फैसले लेना थोड़ा मुश्किल हो जाएंगे। इसके लिए आपको पता होना चाहिए कि आपकी जरूरत कितने पैसों की है। सामान्य तौर पर आपकी मौजूदा सालाना आय का 80 फीसदी में यह शामिल होना चाहिए।
कम बचत और काफी देरी से बचत शुरु करना
एक्सपर्ट के मुताबिक आपनी नौकरी की शुरुआत करते ही रिटारमेंट के लिए बचत शुरु कर देनी चाहिए। यह वो वक्त होता है जब आपके कंधों पर होम लोन, कार लोन और अन्य इंश्योरेंस पॉलिसी का भार नहीं होता। लेकिन अगर आपने अपनी पहली सैलरी से शुरुआत नहीं की है तो अभी से शुरु कर देना बेहतर है। ईपीएफ में निवेश सबसे सुरक्षित विकल्प है। इसमें आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा बचत के लिए रखा जाता है जिसपर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। यह दर फिक्स्ड डिपॉजिट से थोड़ा ऊपर है। नियम के अनुसार आपको अपनी सैलरी का कम से कम 30 फीसदी सेव करना चाहिए।
आर्थिक उतार चढ़ाव के लिए तैयार न होना
मान लीजिए कि आज एक प्रोडक्ट की कीमत 50 रुपए है। 7 फीसदी की सालाना महंगाई दर से इस प्रोडक्ट की आने वाले 30 वर्षों में कीमत 381 रुपए हो जाएगी। उचित होगा कि अपनी रिटारमेंट योजना बनाते वक्त महंगाई को ध्यान में रखें, ताकि आने वाले समय आप इसे मात दे काएं। इसी तरह आर्थिक उतार चढ़ाव स्थिति के लिए आपके पास पर्याप्त सेविंग्स और निवेश होना चाहिए। आने वाले समय में कुछ भी हो सकता है जैसे कि आपेक रियल एस्टेट निवेश पर मुनाफा कम हो जाए या आपकी नौकरी छूट जाए। ऐसे समय के लिए आपको पहले से तैयार रहना चाहिए।
अपने लिए पर्याप्त हैल्थ कवरेज न लेना
आपकी प्लानिंग आपके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। अगर आप स्वस्थ हैं तो आपके लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना बढ़ा जाती है। वहीं यदि आप बीमार हैं तो आपके इलाज का खर्च आपकी सेविंग और इंवेस्टमेंट को समाप्त कर सकती है। इन दोनों परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए जरूरी है कि अपने परिवार की हैल्थ हिस्ट्री और खुद ही सेहत को देखते हुए सबसे अच्छे मेडिकल प्लान का चयन करें।
अपने फाइनेंशियल पोर्टपोलियो को डायवर्सिफाई न करना
फिक्स्ड डिपॉजिट सुरक्षित और विश्वसनीय है, लेकिन इस पर टैक्स के बाद ब्याज दर 7 फीसदी से 8 फीसदी होती है। इसकी तुलना में इक्विटी और यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान एंड म्युचुअल फंड्स) में ऊंचा रिटर्न मिलता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने निवेश में सभी प्रकार के इंस्ट्रूमेंट को शामिल करें। जिससे एक जगह पर हुए नुकसान की भरपाई दूसरी जगह से की जा सके।
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