Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. Fully Covered: कितने इंश्‍योरेंस कवर की है आपको जरूरत, तय करने का ये है फॉर्मूला

Fully Covered: कितने इंश्‍योरेंस कवर की है आपको जरूरत, तय करने का ये है फॉर्मूला

इंश्‍योरेंस करवाने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान रखनी चाहिए ताकि आपके बाद आपके परिवार को इसका खामियाजा न भुगतना न पड़े।

Dharmender Chaudhary
Published : December 09, 2015 7:22 IST
Fully Covered: कितने इंश्‍योरेंस कवर की है आपको जरूरत, तय करने का ये है फॉर्मूला
Fully Covered: कितने इंश्‍योरेंस कवर की है आपको जरूरत, तय करने का ये है फॉर्मूला

नई दिल्‍ली। जिंदगी की खुशियों के बीच मुसीबतें कभी भी आड़े आ सकती हैं। इस मुश्किल वक्‍त में परिवार को आर्थिक संकट से न जूझना पड़, इसके लिए हम सभी इंश्‍योरेंस करवाते हैं। इंश्‍योरेंस की रकम हमारी मुश्किलें खत्‍म तो नहीं कर सकती, लेकिन संकट की घड़ी में हमारा सहारा जरूर बन सकती है। लेकिन इंश्‍योरेंस सहारा तभी बन सकता है जब ये रकम आपके परिवार की जरूरतों के लिए पर्याप्‍त हो। कई बार हम टैक्‍स सेविंग या इंवेस्‍टमेंट के लिए इंश्‍योरेंस स्‍कीम ले लेते हैं, जिसमें इंश्‍योरेंस अमाउंट नाम मात्र का ही होता है। वहीं कई बार टर्म इंश्‍योरेंस लेते वक्‍त हम परिवार की जरूरतों का ठीक से पता नहीं लगा पाते। जिसका खामियाजा परिवार को ही भुगतना पड़ता है। यही ध्‍यान में रखते हुए इंडियाटीवी पैसा की टीम बताने जा रही है कि आप कैसे तय करें कि कितना जीवन बीमा आपके लिए पर्याप्‍त है।

यह भी पढ़ें- IRDA: बाजार में जल्द आएंगे सरल बीमा प्रोडक्ट, विदेश कंपनियां नहीं बढ़ा रही अपनी हिस्सेदारी

समझें मिनिमम सिक्योरिटी की आवश्यकता

किसी परिवार में जब केवल एक ही व्यक्ति की आमदनी से घर चलता हो, तो जरूरी है कि उसके बाद भी परिवार को हर महीने एक निश्चित राशि मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाए। उदाहरण के तौर पर अगर मुखिया कि मासिक आय 25000 रुपए है, तो ऐसे में उसका जीवन बीमा इतना होना चाहिए जिससे कि उसके परिवार को उसके न रहने पर ब्याज के रूप में हर महीने 25000 रुपए मिलते रहें।

यह भी पढ़ें- भारत में निवेश करने के मामले में सिंगापुर नं.1, इस साल मॉरिशस के मुकाबले आया दोगुना FDI

महंगाई को मात दे सके इतनी हो बीमे की रकम  
भविष्य में आने वाली मंहगाई को अगर मात देना चाहते हैं तो अधिक राशि वाला प्लान होना चाहिए। समय और बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच बीमा राशि की समीक्षा करते रहना चाहिए ताकि बीमा राशि पर्याप्त हो। जीवन बीमा राशि की सबसे ज्यादा जरूरत शादी के समय और बच्चे होने पर होती है। यानि कि सीधी सरल भाषा में कहे तो जब तक एसेट्स जरूरतों से कम रहें।

ह्यूमन लाइफ वैल्यू (HLV) और कैसे करें HLV कैल्क्यूलेट
HLV किसी भी इंश्योर्ड व्यक्ति की संभावित आमदनी होती है। सीधी सरल भाषा में यह वो आमदनी है जो व्यक्ति अपनी बाकी कामकाजी जिंदगी में प्राप्त कर सकता है। सबसे पहले अपनी कुल सालाना आमदनी कैल्क्यूलेट करें। इसके बाद अपने ऊपर खर्च होने वाली अमाउंट को घटा दें। बची हुई राशि HLV होती है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए एक व्यक्ति की सालाना आय 15 लाख रुपए है और उसका खर्च 4.5 लाख रुपए का है। यानि कि हर साल वो अपने परिवार के लिए 10.5 लाख रुपए कमाता है। उसके न रहने पर परिवार को सालाना 10.5 लाख रुपयों की जरूरत होगी। इसलिए कोई भी बीमा लेते वक्त इस कैल्क्युलेशन ध्यान में जरूर रखें।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement