नई दिल्ली। अप्रैल के साथ ही नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत हो चुकी है। नया साल सिर्फ नई Tax प्लानिंग या Investment रणनीति बनाने का सबसे बेहतरीन समय होता है। साथ ही यही मौका है जब हम पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए नए सिरे से नई शुरुआत करें। अक्सर हम जाने अनजाने फाइनेंशियल प्लानिंग और मनी मैनेजमेंट में बड़ी चूक कर जाते हैं, जिसका खामियाजा हमें साल के अंत में आनन फानन में टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट में Investment कर चुकाना पड़ता है। यही ध्यान रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ऐसी पांच बातें बताने जा रही है, जिन पर कायम रहकर आप इस साल की शुरुआत से ही सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकते हैं।
अपने Investment के फैसले को अमल में लाएं
कुछ लोग निवेश को लेकर बदुत जल्दबाजी में होते हैं। वहीं कुछ मानते हैं कि निवेश के लिए सही समय का इंतजार करना चाहिए। इंतजार अपने प्रोमोशन का, अच्छी सैलरी या इंक्रीमेंट का कर सकते हैं। लेकिन जरूरी है कि निवेश के फैसले को टालना नहीं चाहिए। जैसे ही कमाना शुरु करते हैं उसी वक्त से निवेश शुरु कर देना चाहिए। सेविंग्स एकाउंट में आपके पैसों पर केवल 3 फीसद से लेकर 4 फीसदी तक का ब्याज मिलता है। इसलिए निवेश के लिए म्यूचुअल फंड, इक्विटी जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।
हर वक्त कुछ नया ढूंढ़ने का प्रयास
अगर आप लंबे समय से निवेश करते आ रहे हैं तो आपने यह जरूर देखा होगा कि भारतीय शेयर बाजार ने 10 से 20 वर्षों में 14 फीसदी से लेकर 16 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की है। निवेशक अपने निवेश में नियमित रूप से कुछ न कुछ और निवेश कर सकता है ताकि अच्छा रिटर्न मिल सके। लोग कुछ नए की तलाश में ज्यादा रहते हैं बजाए इसके कि जिसमें निवेश किया हुआ है उसमें ही थोड़ थोड़ और निवेश करें।
एक ही एसेट क्लास में जरूरत से ज्यादा निवेश न करे-
जैसा कि वारेन बफेट ने कहा है कि सभी अंडों को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए। इसलिए हमेशा अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को अलग अलग जगहों पर निवेश कर के मैनेज करना चाहिए। इसे डाएवर्सिफिकेशन कहते हैं। डाइवर्सिफिकेशन तब होता है जब अपने पैसों को एक से ज्यादा जगहों पर निवेश किया जाता है। जैसे कि अपने पोर्टफोलियो में इक्विटीज और डेट फंड का सही संतुलन होना चाहिए। कई भारतीयों के पास इक्विटीज को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। ध्यान रखें कि फिक्स्ड डिपॉजिट, रियल एस्टेट और गोल्ड प्रकृति में एक जैसे ही हैं और लंबे समय के निवेश के बाद ये तीनो मंहगाई को मात देने वाले रिटर्न्स देते हैं।
पिरियोडिक रिव्यू
अपनी संपत्ति का विश्लेषण कर लेना चाहिए। कुछ लोग नहीं करते नतीजन पैसे गवा बैठते है। संपूर्ण रूप से देख लें कि कितने एसेट्स है और क्या कदम उठाने चाहिए अपने निवेश को और मजबूत बनाने के लिए। साल में एक बार विश्लेषण जरूर करें। ऐसा करने से आप पता लगा सकते हैं कि कौन से एसेट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कौन नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं।
जल्दी अमीर बनने के लिए न करें गलत निवेश
जल्दी अमीर बनने के चक्कर में अक्सर लोग पर्याप्त समय नहीं देते और तेज ट्रेडिंग व नुकसान के शिकार हो जाते हैं। लोग मंहगे स्टॉक्स खरीद लेते हैं और जब गिरावट आती है तो पैसे खोने के दर से बेच देते है। ऐसा करने से पैसा बनाने के बजाए पैसा खो देते हैं। इस मामले में जो पहली बार निवेश कर रहा है वो भी और अनुबवी भी दोनों प्रभावित होते हैं। इसलिए निवेश के समय धर्य बनाए रखना चाहिए। तेजी और मंदी दोनों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अच्छे रिटर्न के लिए विशेष समय तक के लिए निवेश करें। जरूरत पड़ने पर किसी प्रोफेशनल की भी मदद लें।
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