जानिए कौन सी 5 बातें करती हैं आपके होम लोन लेने की संभावना को नकारात्मक-
1. व्यवसाय और काम की अवधि
सभी कर्जदाता इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि कर्ज लेने वाले के पास नियमित आय का स्रोत है या नहीं। मसलन, यदि आपने हाल ही में कई बार जॉब बदली है और आपके पास अपनी आय के प्रमाण के तौर पर यदि एक नियोक्ता से प्राप्त एक साल की सैलरी स्लिप नहीं है तो यह आपके होम लोन आवेदन पर प्रभाव डाल सकता है। कई कर्जदाता स्टार्टअप्स में काम करने वाले लोगों को तवज्जो नहीं देते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई कर्जदाता तो वकील, मीडिया प्रोफेशनल्स और पुलिस में तैनात लोगों को होम लोन देने से मना कर देते हैं।
2. खराब सिबिल स्कोर
होम लोन के लिए अप्लाई करने के लिए सिबिल स्कोर सबसे महत्वपूर्ण है। क्रेडिट स्कोर में आपके द्वारा पूर्व में लिए गए लोन और उसके चुकाने का ब्यौरा होता है। बैंक लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक कर आपकी वित्तीय गतिविधियों को जांचता हैं। अगर, अपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है तो बैंक आसानी से लोन दे देते हैं। लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर जरूर देख लें।
क्रेडिट स्कोर तीन अंको की एक संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच में होती है। 75 फीसदी लोगों को लोन सिबिल स्कोर के आधार पर ही मिलता है। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसे उतना ही अच्छा माना जाता है। अगर आपका स्कोर खराब होता है, तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी आ सकती है। क्रेडिट स्कोर के आधार पर व्यक्ति की फाइनेंशियल हेल्थ का आकलन किया जाता है। बैंक से लोन पाने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर जरूरी होता है। एक डिफॉल्ट करने पर भी क्रेडिट स्कोर कमजोर हो सकता है। 79 फीसदी व्यक्तिगत लोन 750 से ज्यादा के स्कोर पर ही अप्रूव किए जाते हैं। इस स्कोर को अच्छा रखने के लिए पूर्व में अपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान करें।
3. क्रेडिट हिस्ट्री का न होना
आपको शायद ऐसा लगेगा कि क्रेडिट हिस्ट्री न होने पर आपको होन लोन आसानी से मिल जाएगा, लेकिन यह सोचना गलत है। क्रेडिट हिस्ट्री के न होने पर आपका कर्जदाता आपके क्रेडिट बिहेवियर के बारे में जांच नहीं कर पाता और अधिकांश स्थितियों में होम लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट कर देता है। इसलिए उचित है कि होम लोन के लिए आवेदन करने से पहले एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाकर रखें।
4. कितनी पुरानी है प्रॉपर्टी
सामान्य तौर पर बैंकों का रियल एस्टेट डेवलेपर्स के साथ पहले से साझेदारी हुई होती है, जिसकी वजह से लोन को जल्दी सैंक्शन कर दिया जाता है। लेकिन, इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप अपनी पसंद की प्रॉपर्टी का चयन नहीं कर सकते। अगर प्रॉपर्टी बहुत पुरानी है तो उसका फिर से मूल्याकंन करना पड़ेगा और हो सकता है कि कर्जदाता खरीद कीमत का कुछ हिस्सा ही कर्ज के रूप में स्वीकार करे। कोशिश करें ज्यादा पुरानी निर्मित प्रॉपर्टी का चयन न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि भविष्य में इसके गिरने की संभावना ज्यादा होती है।
5. वैवाहिक स्थिति
यह खासतौर पर महिलाओं के लिए होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्जदाताओं को लगता है कि कुंवारी महिला शादी या फिर बच्चा पैदा होने के बाद नौकरी छोड़ देंंगी, जिसकी वजह से लोन रिपेमेंट में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में अगर आपकी शादी की तारीख नजदीक है तो होम लोन के लिए शादी के बाद पति-पत्नी दोनों मिलकर अप्लाई करें। इस तरह आपका पार्टनर भी रिपेमेंट में आपकी मदद कर पाएगा।
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