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Please Check: फरवरी में चाहते हैं पूरी सैलरी तो न्‍यू ईयर पर ही कर लें इन इंवेस्‍टमेंट डॉक्‍यूमेंट की तैयारी

जनवरी के महीने में आपको इंवेस्‍टमेंट प्रूफ सबमिट करने की तैयारी शुरू करनी होगी। हम आपको बता रहे हैं कि आपको कौन कौन से कागजात अपने पास रखने होंगे।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: December 12, 2015 11:22 IST
Please Check: फरवरी में चाहते हैं पूरी सैलरी तो न्‍यू ईयर पर ही कर लें इन इंवेस्‍टमेंट डॉक्‍यूमेंट की तैयारी- India TV Paisa
Please Check: फरवरी में चाहते हैं पूरी सैलरी तो न्‍यू ईयर पर ही कर लें इन इंवेस्‍टमेंट डॉक्‍यूमेंट की तैयारी

नई दिल्‍ली। नया साल आने वाला है। इसके लिए आपने छुट्टियों से लेकर न्‍यू ईयर पार्टी की तैयारी शुरू कर दी होगी। लेकिन अगर आप नौकरी पेशा हैं, तो जनवरी के महीने में आपको एक और तैयारी शुरू करनी होगी। वह है मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए इंवेस्‍टमेंट प्रूफ सबमिट करने की तैयारी। क्‍योंकि अगर आप दिसंबर और जनवरी में अपनी कंपनी में टैक्‍स डिडक्‍शन से संबंधित इंवेस्‍टमेंट और एक्‍सपेंसेज के डॉक्‍यूमेंट नहीं जमा कर सके। तो आपका इंप्‍लॉयर फरवरी और मार्च की सैलरी में से टैक्‍स काटने को मजबूर हो जाएगा। यही ध्‍यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है कि आपको अपने इंप्‍लॉयर के पास अगले साल की शुरुआत में कौन-कौन से डॉक्‍यूमेंट पेश करने होंगे। जिससे आपको फरवरी और मार्च में सैलरी से हाथ न धोना पड़े।

इंवेस्‍टमेंट प्रूफ देना क्‍यों होता है जरूरी

यदि आप आयकर कानून द्वारा निर्धारित टैक्‍स सीमा से अधिक कमाते हैं तो इंप्‍लॉयर आपसे फाइनेंशियल इयर की शुरूआत में इंवेस्‍टमेंट डिक्‍लेरेशन भरवाता है। इसमें आप कंपनी को बताते हैं कि आप इस साल टैक्‍स सेविंग के लिए कहां कहां निवेश करेंगे। आपके इसी डिक्‍लेरेशन के आधार पर इंप्‍लॉयर हर महीने थोड़ी थोड़ी राशि आपकी सैलरी से काटता है। लेकिन यदि आप साल के अंत में इन इंवेस्‍टमेंट के प्रूफ उसे जमा नहीं करते, तो वह इंवेस्‍टमेंट की उतनी राशि आपकी सैलरी से वसूल करता है। ऐसे में ध्‍यान रखें कि आपने जितना इंवेस्‍टमेंट करना साल की शुरूआत में तय किया है, उनका प्रूफ अवश्‍य इंप्‍लॉयर को दें। आपकी इसी मुश्किल को दूर करने के लिए इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही कि कौन कौन से डॉक्‍यूमेंट आपको जनवरी में अपने इंप्‍लॉयर को पेश करने के लिए तैयार रखने होंगे।

लाइफ और हेल्थ इंश्‍योरेंस

आयकर कानून के तहत आपको लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर टैक्‍स छूट मिलती है। इसके लिए आपको सभी इंश्‍योरेंस प्रीमियम की रसीद पेश करनी होगी। अगर आप हाफ इयरली प्रीमियम भरते हैं तो आपको दोनों प्रीमियम की अलग अलग रसीद पेश करनी होंगी। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस (स्वयं, परिवार और माता पिता) के लिए दी गईं प्रीमियम की रसीद भी आपको पेश करनी होगी। साथ ही वित्‍त वर्ष के दौरान अस्पताल के खर्चों की रसीद देकर आप मेडिकल खर्च के तहत रिबेट पा सकत हैं। ये रसीदें ऑरीजनल होनी चाहिए। इसके अलावा यदि विकलांगता की छूट चाहते हैं तो अस्पताल की ओर से जारी किया गया विकलांग्ता प्रतिशत का प्रमाण पत्र और डिपेंडेंट से संबंध का प्रमाण पत्र भी पेश करें। इन सबके साथ आपा स्वयं, परिवार या माता पिता के प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप के बिल भी पेश कर सकते हैं।

होम लोन या हाउस रेंट से जुड़े दस्‍तावेज

यदि आपने होम लोन ले रखा है तो इसकी रिबेट हासिल करने के लिए आपको लोन रिपेमेंट स्टेटमेंट जहां पर मूल भूत और घर के लोन के लिए दिया गया ब्याज लिखा हो, ऐसे कागजात पेश करने होंगे। इसके साथ ही हाउस रजिस्ट्रेशन दस्तावेज जहां पर यह सिद्ध हो रहो हो कि स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान किया हुआ है, इसके भी पेश करना होगा। यदि आप किराए पर रहते हैं तो आपको अदा किए गए रैंट की रसीद पेश करनी होगी। इस पर रसीदी टिकट के साथ मकानमालिक के साइन होने जरूरी हैं।

एजुकेशन पर भी मिलती है रिबेट

आयकर कानून के तहत एजुकेशन लोन के रिपेमेंट पर भी आपको टैक्‍स छूट मिलती है। इसके लिए आपको लोन से जुड़े स्टेटमेंट जहां पर यह पता चल जाए कि एजुकेशनल लोन के ब्याज का भुगतान किया हुआ है, इंप्‍लॉयर के सामने पेश करने होंगे। इसके अलावा यदि आपके बच्‍चे पड़ते हैं, तो आप अपने दो बच्‍चों के लिए दी गई स्‍कूल फीस की रसीद भी एक्‍सपेंस प्रूफ के रूप में लगा सकते हैं।

इन इंवेस्‍टमेंट प्रूफ की पड़ेगी जरूरत

आयकर कानून कुछ खास निवेश पर आपको टैक्‍स की छूट देता है। इसमें प्रमुख है ईएलएसएस यानि कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम। इसके लिए आपको म्युचुअल फंड स्टेटमेंट पेश करना होगा। इसके अलावा यदि आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड एकाउंट में निवेश करते हैं तो आपको डिपॉजिट स्लिप या पासबुक की कॉपी पेश करनी होगी। इसके अलावा यदि आपने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में निवेश किया है, तो इसकी कॉपी की जरूरत होगी। वहीं न्यू पेंशन सिस्टम या पांच वर्ष के फिक्ड डिपॉजिट के बैंक या पोस्ट ऑफिस की स्टेटमेंट सर्टिफिकेट पेश करने होंगे।

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