नई दिल्ली। देश का दक्षिणी महानगर चेन्नई इस समय भयंकर नैचुरल डिजास्टर से जूझ रहा है। बारिश के बाद आई बाढ़ की वजह से चेन्नई और आसपास के इलाके पिछले 15 दिनों से डूबे हुए हैं। बाढ़ से लाखों घर बरबाद हो गए हैं वहीं अरबों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई है। प्रकृति के तांडव का चेन्नई सिर्फ एक ताजा उदाहरण मात्र है। प्रकृति का ऐसा तांडव बाढ़ भूकंप, बिजली गिरने या किसी दूसरे रूप में देश के किसी भी हिस्से में देखने को मिल सकता है। ऐसी प्राकृतिक आपदा में किसी की गई जान फिर से लौटाई नहीं जा सकती। लेकिन इंश्योरेंस कवर लेकर हम आपदा के आर्थिक झटके को जरूर कम कर सकते हैं। यही ध्यान रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बनाते जा रही है कि कैसे आप अपने मकान प्रॉपर्टी और दूसरी आवश्यक वस्तुओं को बीमा कवर के साथ प्राकृतिक और मानवीय आपदा से सुरक्षित रख सकते हैं।
किन किन आपदाओं पर मिलता है बीमा कवर
आवास बीमा नैचुरल डिजास्टर चाहे वह भूकंप, तूफान या बारिश, सुनामी, आग, बाढ़, धमाका, बिजली गिरने, लैंडस्लाइड के अलावा आतंकवादी घटनाओं से घर को हुए नुकसान और घरों में पड़ी कीमती सामानों को कवर करता है। आपदा के बाद एक घर के निर्माण संबंधी इंश्योरेंस कवर में तीन तरह की श्रेणियां शामिल हैं। पहला पुनर्निर्माण जिसमें बीमाकर्ता जमीन की कीमत को छोड़ घर के निर्माण लागत का भुगतान करता है। दूसरा घर की कीमत जमीन की कीमत सहित भुगतान और तीसरा घर निर्माण की लागत और उम्र के हिसाब से भुगतान।
इंश्योरेंस लेते वक्त इन बातों का जरूर रखें ख्याल
जरूरी है कि जब आप आवास बीमा ले रहे हैं उस समय कवर की तमाम बारीकियों पर ध्यान जरूर दें। अक्सर कंपनियां प्रीमियम की रकम को कम करने के लिए कुछ नैचुरल डिजास्टर को कवर से बाहर कर देती हैं। यदि आपके प्लान में भी ऐसा है तो तुरंत सभी आपदाओं को इसमें शामिल करवाएं। आवास बीमा न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल के लिए खरीद सकते हैं। साथ ही बैंक होम लोन के साथ होम लोन भी लेने पर जोर दे सकते हैं लेकिन आप वही चुने जो आपके सही लगे।
ऐसे समझें इंश्योरेंस कवर का गणित
बीमा कवर को एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए कोई अपने 1000 वर्गफीट के घर का 10 साल के लिए बीमा कराना चाहता है। साथ ही जगह के हिसाब से घर की कीमत 5000 रुपये प्रति वर्गफीट है यानी 50 लाख रुपये है। घर के निर्माण का खर्च 2000 रुपये प्रति वर्ग फीट या 20 लाख रुपये है। अब अगर आवास बीमा पुनर्निर्माण आधार पर कराया गया है तो बीमित राशि घर के क्षेत्रफल से निर्माण के प्रति वर्ग फीट के खर्च का गुणा करने के बाद की राशि यानी 20 लाख रुपये होगी।