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Save Your Tax: टैक्‍स सेविंग के लिए हड़बड़ी में न करें इन्‍वेस्‍टमेंट, छूट पाने के लिए ये भी हैं फायदेमंद रास्‍ते

हम बताने जा रहे हैं कि कैसे 80सी के सेविंग कर आप टैक्‍स छूट का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही अतिरिक्‍त छूट हासिल करने के लिए क्‍या उपाय हैं।

Surbhi Jain
Updated : January 28, 2016 16:54 IST
Save Your Tax: टैक्‍स सेविंग के लिए हड़बड़ी में न करें इन्‍वेस्‍टमेंट, छूट पाने के लिए ये भी हैं फायदेमंद रास्‍ते
Save Your Tax: टैक्‍स सेविंग के लिए हड़बड़ी में न करें इन्‍वेस्‍टमेंट, छूट पाने के लिए ये भी हैं फायदेमंद रास्‍ते

नई दिल्‍ली। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो पूरी संभावना है कि इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ जमा करने के लिए आपके पास आपके एचआर का मेल आ चुका है। अक्‍सर लोग इन्‍वेस्‍टमेंट की तारीख नजदीक होने के चलते हड़बड़ी में टैक्‍स सेविंग के लिए यहां-वहां इन्‍वेस्‍टमेंट कर डालते है। लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसे इन्‍वेस्‍टमेंट आपकी पॉकेट के लिए ही नहीं बल्कि आपकी फ्यूचर प्‍लानिंग के लिए भी घातक हो जाते हैं। अगर आप भी टैक्‍स सेविंग के लिए जीवम बीमा खरीदने जा रहे हैं या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट में अपने पैसे लगाने की सोच रहे हैं। तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैसे सेक्शन 80सी को तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपए की छूट का पूरा फायदा उठा सकते हैं। साथ ही आपके पास अतिरिक्‍त छूट हासिल करने के लिए क्‍या क्‍या उपाय हैं।

सभी 80सी के प्रोडक्ट्स पर नजर डालें

इनकम टैक्स एक्ट के 80 सी के तहत 1.5 लाख तक की छूट मिलती है। ये कटौती आपकी कुल आय में कटती है और जो शेष बचता है वो करयोग्य आय या टैक्सेबल इनकम होती है। इसके तहत आने वाले प्रोडक्ट्स में ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि), पब्लिक प्रोविडेंट फंड, बच्चों की ट्यूशन फीस, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) और होम लोन की प्रिंसिपल पेमेंट है। अब पता करें कि सेक्शन 80सी के तहत आपके पास कौन सा प्रोडक्ट है और उसके बाद गणना करें कि कितना गैप बाकी है। जैसे कि तनख्वाह पाने वाले जिसमें बेसिक, डियरनेस अलाउंस सब मिलाकर 12.5 लाख रुपए हों और वो ईपीएफ में योगदान दे रहा हो उन लोगों को अपनी 80सी के तहत लिमिट खत्म होने की चिंता नहीं होनी चाहिए। आप अपना बेसिक और डियरनेस अलाउंस का 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करते हैं, जो आप कटौती के लिए योग्य हैं।

80 सी से आगे भी बचा सकते हैं टैक्‍स

कई दूसरे भी प्रोडक्ट्स हैं जो कर कटौती उपलब्ध कराते हैं। उदाहरण के तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी। ये सबसे जरूरी प्रोडक्ट होता है और इसका प्रीमियम भी 25 हजार तक की कटौती के लिए योग्य होता है, जो कि सेक्शन 80 डी के तहत है। इस लिमिट में 5000 रुपए की कटौती प्रिवेंटिव चेक अप के लिए होते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिमिट 30,000 रुपए तक की होती है। अगर आप अपने माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं और वो वरिष्ठ नीगरिक की श्रेणी में नहीं आते तो उन्हें 25 हजार तक की कटौती मिलती है, और अगर वरिष्ठ नागरिक हैं तो 30,000 रुपए तक की। जो लोग 30.9 फीसदी के टैक्स ब्रैकेट में आते हैं उनके लिए 25000 रुपए की कटौती का मतलब 7,725 रुपए की बचत होता है। इसके अलावा अगर आप एजुकेशन लोन का भुगतान कर रहें हैं तो कुल ब्याज को सेक्शन 80ई के तहत कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं।

ईएमआई पर भी पा सकते हैं टैक्‍स छूट

आपकी मासिक किस्‍ते यानि कि ईएमआई भी कटौती के लिए योग्य होती है। लेकिन राशि प्रॉपर्टी के सेल्फ ऑक्युपाइड या किराए पर है उस पर निर्भर करता है। सेल्प ऑक्य़ुपाइट में होम लोन के लिए ब्याज का हिस्सा जो कटौती के लिए योग्य होता है वो सेक्शन 24बी के तहत 2 लाख तक होता है। अगर प्रॉपर्टी किराए पर दी हुई है तो ब्याज की कुल राशि कटौती के लिए क्लेम की जा सकती है। आपको ध्यान रखना होगा कि अगर आपकी प्रॉपर्टी अंडर कंस्ट्रक्शन है तो टैक्स ब्रेक एकदम से नहीं मिलेंगे। जो ईएमाई का आप भुगतान करते हो उसमें अधिकांश हिस्सा ब्याज और प्रिंसिपल को होता है। इसलिए सेक्शन 80सी के टैक्स ब्रेक प्रिंसिपल पेमेंट के लिए जरूरी नहीं होते। लेकिन जब कंस्ट्रक्शन पूरी हो जाती है तो जिस ब्याज का आपने भुगतान किया है उसे आप कटौती के तौर पर क्लेम कर सकते हैं।

एचआर की समय अवधि से चूक गए हैं?

अगर आप एचआर द्वारा दी गई डेड लाइन क्रॉस कर गए हैं तो घबराइए मत। वास्तव में आपको अपने सारे निवेश प्रूफ एचआर डिपार्टमेंट में जमा कराने जरूरी होते हैं ताकि आपकी सैलरी से अतिरिक्त इनकम टैक्स न कटे। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता और सैलरी से टैक्‍स काट दिया जाता है तो उस स्थिति में आप इनकम टैक्स फाइल करते वक्त रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। आपको रिटर्न के साथ डॉक्यूमेंटरी प्रूफ लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन ये संभाल कर जरूर रखने चाहिए ताकि भविष्य में टैक्स डिपार्टमेंट को जरूरत पड़ने पर आप अपने दस्तावेज पेश कर सकें।

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