नई दिल्ली। भारत में यह एक आम धारणा है कि लोग यहां फ्यूचर की चिंता तो बहुत करते हैं, लेकिन वे अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए समय से फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते हैं। खर्च से पहले बचत की आदत नहीं डालते हैं। इसके परिणामस्वरूप 30-35 साल नौकरी या बिजनेस करने के बावजूद अधिकांश लोगों के पास रिटायरमेंट के समय जीने लायक पैसा नहीं होता है। कारण यह है कि आमतौर पर हम अपने करियर के शुरुआती सालों में सेविंग व इन्वेस्टमेंट पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग के नजरिए से देखें तो इससे हम आसान सेविंग के सुनहरे साल खो देते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग उसी समय से शुरू होनी चाहिए, जब आप कमाना शुरू करते हैं। हम आपको बता रहे हैं पांच ऐसे गोल्डन रूल जिनका पालन कर आप अपने रिटायरमेंट के लिए करोड़ों रुपए का फंड बना सकते हैं।
इनकम का 10 फीसदी जरूर बचाएं
रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला रूल है कि आप अपनी मासिक इनकम का 10 फीसदी जरूरी बचाएं। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके प्रोविडेंट फंड में इतनी रकम जाती है। आज आपको यह रकम थोड़ी लग सकती है लेकिन लांग टर्म में कंपाउंडिंग की पावर इसे बड़ी रकम में तब्दील कर देगी। अगर आप नौकरी नहीं करते हैं और बिजनेस करते हैं तो आप अपनी इनकम का 10 फीसदी लांग टर्म के लिए म्यूचुअल फंड में लगा सकते हैं।
आय बढ़ने के साथ निवेश बढ़ाएं
लोग इनकम बढ़ने के साथ इन्वेस्टमेंट में इजाफा करना जरूरी नहीं समझते। लेकिन ऐसा करना जरूरी है। आप अपनी इनकम में हुई हाइक के अनुसार हर साल अगर अपना इन्वेस्टमेंट बढ़ाते हैं तो आप बढ़ती हुई महंगाई से अपने कॉपर्स को सुरक्षित रखेंगे और रिटायरमेंट के लिए एक बड़ी रकम भी बच सकेंगे।
पीएफ फंड से बीच में न निकालें पैसा
आप जब भी नौकरी बदलते हैं तो आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग दांव पर होती है। इस समय आपके पास पीएफ निकालने या पीएफ ट्रांसफर कराने का विकल्प होता है। ऐसे में कई बार लोग तात्कालिक जरूरतों के लिए पीएफ निकाल लेते हैं। ऐसा करना अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को दांव पर लगाना होता है। अगर कोई आपात स्थिति न हो तो पीएफ निकालने से बचना चाहिए।
बच्चों की शिक्षा के लिए लें कर्ज
भारत में माता-पिता अपने बच्चों की एजुकेशन और मैरिज के लिए खास तौर पर सेविंग करते हैं। इससे उनकी रिटायरमेंट सेविंग प्रभावित होती है। आजकल बैंक आसानी से एजुकेशन लोन देते हैं। ऐस में आप बच्चों की एजुकेशन के लिए कर्ज ले सकते हैं। इससे आपकी रिटायरमेंट सेविंग में कोई बाधा नहीं आएगी।
बुरे समय के लिए इमरजेंसी फंड बनाएं
अगर आप चाहते हैं कि आपकी रिटायरमेंट की प्लानिंग पर कोई आंच न आए तो आप एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं। इमरजेंसी फंड आपकी मासिक आय का पांच गुना तक होना चाहिए। अगर शॉर्ट नोटिस पर आपकी नौकरी चली जाती है तो कुछ माह के लिए आप आसानी से अपने खर्चे को मैनेज कर सकते हैं और आपकी रिटायमेंट प्लानिंग पर भी इसका खास असर नहीं होगा।