नई दिल्ली। डायबिटीज से पीडि़त लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना ज्यादा मुश्किल है। ज्यादातर कंपनियां अपने अंडरराइटिंग स्टैंडर्ड के आधार पर या तो पॉलिसी देने से ही मना कर देती हैं या फिर ज्यादा प्रीमियम (लोडिंग) वसूलती हैं। हालांकि, समय के साथ हेल्थ इंश्योरेंस का मार्केट भी लगातार बदल रहा है। खास बीमारियों और परिस्थितियों को लक्ष्य करते हुए बीमा कंपनियां नए-नए प्रोडक्ट लेकर आ रही हैं। गौर फरमाने वाली बात यह है कि डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस कवर अन्य किसी भी बीमारी विशेष के प्लान से ज्यादा महंगी होती हैं।
वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। कई जीवन बीमा, साधारण बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अब डायबिटीज के मरीजों के लिए विशेष पॉलिसियां लेकर आ रही हैं। गौर करने वाली बात यह है कि ऐसी सभी पॉलिसियां अभी तक सिर्फ टाईप -2 डायबिटीज के मरीजों के लिए ही लांच की गई है। टाईप-2 डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं लेना होता।
डायबिटीज के मरीजों के लिए बाजार में उपलब्ध दो प्रमुख पॉलिसियां
डायबिटीज के रोगियों के लिए बीमा पॉलिसी लेना काफी मुश्किल है। सबसे पहले ICICI Prudential Life Insurance ने डायबिटीज केयर पॉलिसी लॉन्च की थी लेकिन अब यह उपलब्ध नहीं है। अभी बाजार में अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस की एनर्जी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की डायबिटीज सेफ पॉलिसी डायबिटीज पीडि़तों के लिए उपलब्ध है।
अपोलो म्यूनिख की एनर्जी
- अपोलो म्यूनिख की एनर्जी वैसे लोगों के लिए एक डायबिटीज इंश्योरेंस प्लान है जिन्हें टाईप-2 डाबिटीज है या जिनका ग्लूकोज लेवल खाली पेट सीमा से अधिक है या जो ब्लड प्रेशर से पीडि़त हैं।
- जहां दूसरी सामान्य पॉलिसियों में डायबिटीज से होने वाली बीमारियों को 4 साल की प्रतीक्षा अवधि के बाद कवर किया जाता है वहीं यह पॉलिसी पहले दिन से ही सभी बीमारियों को कवर करती है।
- इस पॉलिसी में 20 फीसदी को-पेमेंट का विकल्प भी है। यानी अगर इलाज पर 100 रुपए खर्च होते हैं तो आपको 20 रुपए अपनी तरफ से देने होंगे। इससे प्रीमियम का बोझ कुछ हल्का हो जाता है।
- यह पॉलिसी वैसे 144 प्रक्रियाओं को भी कवर करती है जिसके लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं होता।
- अगर एनर्जी पॉलिसी धारक अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहता है और स्वस्थ रहता है तो रिन्यूअल प्रीमियम पर कंपनी 25 फीसदी तक का डिस्काउंट भी पेश करती है।
- अगर किसी वर्ष क्लेम नहीं किया गया और बीमित व्यक्ति अपने शुगर लेवल को ठीक रखते हुए स्वस्थ रहा है तो उसे प्रीमियम में छूट मिलती है।
दोनों पॉलिसियों की खासियत
मानदंड | अपोलो म्यूनिख एनर्जी | स्टार हेल्थ डायबिटीज सेफ | नेशनल परिवार |
पॉलिसी लेने की उम्र | 18 से 65 वर्ष | 26 से 65 वर्ष | 18 से 60 वर्ष |
कौन ले सकता है | टाईप-2 डायबिटीज से पीडि़त व्यक्ति, IFG, IGT और ब्लड प्रेशर वाले लोग | टाईप-2 डायबिटीज मेलाइटस | -- |
किन चीजों को कवर नहीं किया जाता | -- | पहले से मौजूद डायबिटीज से जुड़ी रेटिनोपैथी, डायबिटीक नेफ्रोपैथी जिसकी वजह से क्रॉनिक रेनल फेल्योर हो, डायबिटीक फुट अल्सर, डायबिटीज मेलाइटस टाईप-2 | किसी भी बिमारी के इलाज के लिए सम एश्योर्ड का 50% दिया जाता है |
पॉलिसी कबतक रिन्यू करवा सकते हैं | आजीवन | 70 वर्ष | 65 वर्ष |
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की डायबिटीज सेफ पॉलिसी
- यह पॉलिसी टाईप-1 और टाईप-2 दोनों तरह के डायबिटीज को कवर करती है। इन दोनों तरह के डायबिटीज के अलावा भी अगर मरीज को किसी दूसरे कारण से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो कंपनी उसके खर्च भी वहन करती है।
- इसे आप सामान्य मेडिक्लेम और डायबिटीज इंश्योरेंस प्लान का कॉम्बो समझ सकते हैं। इस पॉलिसी के तहत ओपीडी मेडिकल कंसल्टेशन, डायग्नोस्टिक जांच और दवा के खर्च भी कवर किए जाते हैं।
- इसके अलावा अलावा अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु दुर्घटना में होती है तो कंपनी उसकी आर्थिक क्षतिपूर्ति करती है। यह पॉलिसी व्यक्तिगत या फ्लोटर आधार पर ली जा सकती है। इस पॉलिसी के दो प्लान हैं।
- प्लान-ए के तहत पॉलिसी लेने से पहले मेडिकल जांच अनिवार्य है जबकि प्लान-बी के लिए मेडिकल जांच जरूरी नहीं है।
- गौर करने वाली बात यह है कि प्लान-बी में बीमारियों को कवर करने की प्रतीक्षा अवधि 15 महीने की है।
तीन लाख रुपए के सम इंश्योर्ड के लिए दोनों पॉलिसियों के प्रीमियम की तुलना
स्टार हेल्थ डायबिटीज सेफ | प्रीमियम |
---|---|
प्लान-ए | 9,765 |
प्लान-बी | 13,190 |
अपोलो म्यूनिख एनर्जी | |
सिल्वर | 11,707 |
गोल्ड | 16,413 |
नोट- स्टार हेल्थ की डायबिटीज सेफ पॉलिसी के लिए प्रीमियम की गणना 36-40 साल के आधार पर की गई है जबकि एनर्जी के लिए 36-45 के आयु वर्ग को चुना गया है। (GST के अनुसार प्रीमियम में बदलाव संभव है। प्रीमियम सांकेतिक है पूर्ण नहीं।)