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Calculation Method: आपकी सैलरी पर कितना मिल सकता है आपको लोन, ऐसे तय करते हैं बैंक

इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको उन पैरामीटर्स के बारे में बताने जा रही है जिनके आधार पर बैंक आपको लोन उपलब्‍ध कराते हैं या फिर रिजेक्‍ट करते हैं।

Dharmender Chaudhary
Published : January 07, 2016 7:44 IST
Calculation Method: आपकी सैलरी पर कितना मिल सकता है आपको लोन, ऐसे तय करते हैं बैंक
Calculation Method: आपकी सैलरी पर कितना मिल सकता है आपको लोन, ऐसे तय करते हैं बैंक

नई दिल्‍ली। गुड़गांव में रहने वाले कार्तिक की एक सेल्‍स कंपनी में पिछले महीने नई जॉब लगी है। इस महीने उनकी पहली सैलरी बैंक अकाउंट में आई थी। कार्तिक का लंबे समय से कार लेने का मन था। पहली सैलरी आते ही कार्तिक ने नई कार के लोन के लिए एप्‍लाई कर दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद कार्तिक को झटका लगा क्‍योंकि बैंक ने उनकी लोन की अर्जी ठुकरा दी थी। ऐसे में उन्‍हें अपना प्‍लान कैंसिल करना पड़ा। कार्तिक के पीछे मुख्‍य कारण यह था कि बैंक के पास कार्तिक की अधिक सेविंग और इंवेस्‍टमेंट हिस्‍ट्री नहीं थी। अक्‍सर लोन एप्‍लीकेशन कैंसिल होने पर एसी ही स्थिति का सामना हम भी करते हैं। यही ध्‍यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रहा है कि उन पैरामीटर्स के बारे में जिनके आधार पर बैंक आपको लोन उपलब्‍ध कराते हैं।

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पहला स्‍टेप

आप जितनी ईएमआई चुकाने में सक्षम हैं उसी आधार पर बैंक आपको उतनी ही राशि उधार देता है। इसके अलए बैंक सबसे पहले आपका इनकम स्टेटमेंट को देखता है। इसके लिए या तो वह आपकी सैलरी स्लिप, टैक्स रिटर्न या फिर सैलरी अकाउंट वाला बैंक स्टेटमेंट की जांच करता है। यहां बैंक आपकी कुल मासिक आय में सैलरी, इंटरेस्ट इनकम, रेंटल इनकम आदि जोड़कर देखता है। ये सब जानकारी आपकी बैंक स्टेटमेंट में होती है।

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दूसरा स्टेप

आपकी इनकम के बाद बैंक आपकी ओर से की जा रही बचत को कैल्कुलेट करता है। आपकी बचत कई चीजों पर निर्भर करती है जैसे कि इनकम लेवल, आपका रहन-सहन आदि। इसके लिए बैंक का थंब-रूल ऑफ 30 होता है। इसका मतलब होता है कि अगर आपकी आय 50 हजार रुपए प्रति महीना है तो बैंक मान लेता है कि आप 30 फीसदी बचत करते होंगे यानि कि 15 हजार प्रति महीना। बैंक मानता है कि जितनी ज्यादा आपकी आय हागी उतनी ज्यादा आप बचत करते हैं।

तीसरा स्टेप

अगर आप पहले से कोई ईएमआई दे रहे हैं तो वो एमाउंट आपकी बचत में से काट दी जाती है। मसलन, अगर आपकी सेविंग्स 15 हजार रुपए महीना है और आप 2400 रुपए की ईएमआई कार लोन के तौर पर दे रहे हैं तो बैंक आपकी नेट सेविंग्स 12 600 रुपए मानेगा। और इसी के आधार पर आपको लोन ऑफर करेगा।

चौथा स्टेप

इसके बाद कुछ और कैल्कुलेशन्स के बाद ये निकाला जाता है कि कितनी ईएमआई देने के लिए आप बचत करने में सक्षम है। इसलिए अगर आपकी मासिक बचत 12,600 रुपए है तो बैंक मान लेता है कि आप इतनी राशि ईएमआई के तौर पर दे सकते हैं। यदि ब्याज दर 10 फीसदी है और लोन 10 साल के लिए लिया है तो आप 9.5 लाख रुपए के लोन के लिए योग्य हैं।

पांचवा स्‍टेप

आपका सिबिल स्‍कोर आपको बैंक का कर्ज मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाता है। आपका बैंक अकाउंट चाहे जितनी अच्‍छी स्थिति की गवाही दे रहा हो। लेकिन बैंक अंतिम निर्णय आपके सिबिल स्‍कोर पर ही देता है। अब आपका सिबिल स्‍कोर बढि़या है तो बैंक आपके लिए लोन का अमाउंट बढ़ा सकता है इसके साथ ही आपको इंटरेस्‍ट रेट में भी रियायत मिल सकती है।

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