नई दिल्ली। जब बचत और निवेश की बात आती है तो ज्यादातर लोगों के मन में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट, सोना या रियल एस्टेट जैसे एसेट्स घूमने लगते हैं। सोना, रियल एस्टेट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि एसेट क्लास हैं, यानि ये ऐसे माध्यम हैं जो आपके द्वारा लगाए गए पैसों में बढ़ोतरी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहेंगे कि आपके पैसों में इन सबकी तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ोतरी हो? इसलिए आज हम शेयरों की बात करेंगे। कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि इक्विटी एक एसेट क्लास के तौर पर लंबे समय में सबसे बेहतरीन रिटर्न देते हैं। और, इनमें निवेश करने का सबसे बेहतरीन जरिया है म्यूचुअल फंड। आप इसमें 500 रुपए प्रति माह जितनी छोटी रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
शेयरों यानि इक्विटी में निवेश कर आप सबसे अधिक रिटर्न पाते हैं। सोने का रिटर्न देखेंगे तो इसने एक साल में निगेटिव रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की हालत भी छुपी नहीं है। वहीं, इक्विटी फंडों ने पिछले एक साल में 25 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। मोतीलाल ओसवाल मोस्ट फोकस्ड मल्टीकैप 35 फंड ने तो एक साल में 32.15 फीसदी का रिटर्न दिया है। लेकिन हम इन फंडों में सिर्फ एक साल के निवेश की सलाह नहीं देते। इक्विटी फंडों में निवेश के लिए कम से कम 5 साल की समय-सीमा लेकर चलें तभी वास्तविक लाभ उठा पाएंगे।
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म्यूचुअल फंडों का सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानि सिप (SIP)
जरूरी नहीं कि आप एकमुश्त लाख रुपए का निवेश करें। यह भी जरूरी नहीं है कि आप शेयर बाजार में गिरावट आने की राह देखें। म्यूचुअल फंडों के सिप यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश कि लिए बाजार की स्थिति देखना या मोटी रकम आने तक का इंतजार करना गलती होगी। अगर आप प्रति माह कम से कम 500 रुपए का निवेश कर सकते हैं तो शुरू कर दीजिए। निवेश की समय-सीमा 5 साल लेकर चलिए, फिर देखिए आपके द्वारा किस्तों में लगाई गई राशि पर कितना अधिक रिटर्न मिलता है।
ये है सिप का वास्तविक फायदा
वास्तव में सिप इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का सबसे बेहतरीन जरिया है। आप जितने पैसे लगाते हैं उसके बदले आपको उस म्यूचुअल फंड के यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं। मान लीजिए, अगर आपके निवेश के समय बाजार में तेजी है और म्यूचुअल फंड का एक यूनिट 25 रुपए का है तो आपको 20 यूनिट 500 रुपए के बदले आवंटित किए जाएंगे। अब अगले महीने मान लीजिए बाजार में गिरावट आती है तो और यूनिट की कीमत घट कर 20 रुपए रह जाती है तो आपको 500 रुपए में ही 25 यूनिट मिलेंगे।
इस प्रकार जब बाजार में तेजी होगी तो कम यूनिट मिलेंगे और जब गिरावट का दौरा होगा तो ज्यादा यूनिट मिलेंगे। 36 से 60 महीने के दौरान यूनिट की कीमत औसत हो जाती है, इसे वैल्यू कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं। जब आप अपने यूनिट भुनाने जाएंगे तो आपको बाजार के उतार-चढ़ाव का खास फर्क नजर नहीं आएगा और रिटर्न बैंक, पोस्ट ऑफिस या गोल्ड की तुलना में अधिक भी मिलेगा।
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3 से 5 साल के लिए इन म्यूचुअल फंडों में कर सकते हैं सिप
डायवर्सिफायड इक्विटी फंडों या मल्टीकैप म्यूचुअल फंडों की भरमार है। ऐसे में इनमें से कौन सा फंड चुना जाए, एक बड़ी चुनौती हो सकती है। खास तौर से उन लोगों के लिए जो पहली बार म्यूचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं। फंडों के चयन का सबसे बड़ा पैमाना है उसका ट्रैक रिकॉर्ड। यानि बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद लंबे समय में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है। उस फंड का रिटर्न कितना रहा है और उस फंड के खर्चे (एक्सपेंस रेशियो) कितने हैं। अगर आप तीन से पांच साल के लिए सिप के जरिए मल्टीकैप म्यूचुअल फंडों में निवेश करना चाहते हैं निम्नलिखित फंडों पर विचार कर सकते हैं जिसका ट्रैक रिकॉर्ड बढि़या रहा है।
स्रोत : वैल्यूरिसर्चऑनलाइन.कॉम
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