नई दिल्ली। अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में काम करने वाली रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल ने प्रधानमंत्री के हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम में सहभागिता के उद्देश्य से 2022 तक एक लाख अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट कंपनी केकेआर ने सिग्नेचर ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में 200 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
सिग्नेचर ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि उनकी कंपनी हरियाणा में अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत 7400 घरों का निर्माण कर रही है, जिसमें से 5005 यूनिट का अलॉटमेंट किया जा चुका है, शेष 2400 यूनिट को जल्द ही आवंटित किया जाएगा। कंपनी इस साल 2015 में हुए लॉन्च हुए सोलेरा प्रोजेक्ट के पहले चरण को डिलीवर करने जा रहा है, जो हरियाणा अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत डिलीवर्ड होने वाला पहला प्रोजेक्ट होगा। इसके साथ ही कंपनी इस सेगमेंट में दो और नए प्रोजेक्ट गुरुग्राम में लॉन्च करने जा रही है, जिसमें एक सेक्टर-107 और दूसरा सेक्टर-37 डी में शुरू किया जाएगा।
12.5 लाख से 25 लाख रुपए तक है कीमत
अफीज कॉन्ट्रैक्टर ने तैयार किया है डिजाइन
विश्व विख्यात आर्किटैक्टर अफीज कॉन्ट्रैक्ट ने भी अफोर्डेबल हाउसिंग में अपनी रुचि दिखाई है। इसलिए उन्होंने सिग्नेचर ग्लोबल के सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट के डिजाइन तैयार करने की स्वयं पेशकश की है। कंपनी का लक्ष्य अपने ग्राहकों को गुणवत्ता के साथ लग्जरी प्रदान करना है, इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और बेहतर तकनीक का इस्तेमाल निर्माण प्रक्रिया में किया जा रहा है।
यूपी और महाराष्ट्र में भी करेगी कंपनी प्रवेश
जल्द ही सिग्नेचर ग्लोबल उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में प्रवेश करने जा रही है। प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही एनसीआर के गाजियाबाद जिले में राजनगर एक्सटेंशन में 2000 यूनिट वाले प्रोजेक्ट को लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत की जा चुकी है। इसके अलावा महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी एक प्रोजेक्ट लॉन्च करने की तैयारी है।
पूरे देश में बनाए जाएंगे सस्ते मकान
सरकार से और मदद की जरूरत
अफोर्डेबल हाउस की मांग को पूरा करने के लिए हालांकि अभी बिल्डर्स को सरकार से और मदद की जरूरत है। अग्रवाल ने कहा कि महंगी जमीन और कच्चे माल की अधिक कीमतों की वजह से कीमतें कम करने में परेशानी आ रही है। यदि सरकार कम दाम पर अफोर्डेबल हाउस के लिए जमीन उपलब्ध कराती है और कच्चे माल पर कोई रियायत देती है तो और ज्यादा बिल्डर्स इस सेगमेंट में प्रवेश कर सकते हैं।