नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने से भले ही बैंकों के फिक्सड डिपॉजिट (FD) की जमा दरें घटनी शुरू हो जाएं लेकिन डेट म्यूचुअल फंडों की डायनामिक बॉन्ड श्रेणी आपको इसका लाभ ही देगी। इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। जनवरी 2015 से RBI ने रेपो रेट में 1.75 फीसदी की कटौती की है। इसका लाभ उन निवेशकों को मिला है जिन्होंने डेट म्यूचुअल श्रेणी के बॉन्ड फंडों में निवेश किया था। डायनामिक बॉन्ड फंडों ने तीन साल में औसत 11 फीसदी का रिटर्न दिया है।
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घटती ब्याज दर परिस्थिति में बेहतर रिटर्न देते हैं बॉन्ड फंड
- जब ब्याज दरों में गिरावट का दौर होता है तो बॉन्ड फंड बेहतर रिटर्न देते है।
- ये फंड विभिन्न मैच्योरिटी के डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
- दिलचस्प बात यह है कि ब्याज दर और बॉन्ड की कीमतों में विपरीत संबंध होता है।
- ब्याज दरें घटने पर बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं और ब्याज दर में वृद्धि होने पर बॉन्ड की कीमत घटती है।
- यही वजह है कि जब ब्याज दरों में कमी आती है तो बॉन्ड फंडों के नेट एसेट वैल्यू में बढ़ोतरी देखी जाती है।
पिछले तीन साल में सबसे अधिक रिटर्न देने वाले डायनामिक बॉन्ड फंड
स्रोत : valueresearchonline.com
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इसलिए बेहतर हैं डायनामिक बॉन्ड फंड
- आम बॉन्ड फंडों की तरह ही डायनामिक बॉन्ड फंड भी विभिन्न मैच्योरिटी वाले बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
- डायनामिक बॉन्ड फंड के मामले में फंड मैनेजर ब्याज दर परिस्थितियों को देखते हुए अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहते हैं।
- यही वजह है कि डायनामिक बॉन्ड फंड बेहतर रिटर्न अर्जित करते हैं। इन फंडों में तीन से पांच साल के लिए निवेश करना चाहिए।