मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2017-18 के लिए तीसरी दोमाही मौद्रिक नीति की समाप्ति के बाद ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर दी है। RBI ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट दोनों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। कटौती के बाद रेपो रेट घटकर अब 6 फीसदी हो गई है जो करीब साढ़े 6 साल में रेपो रेट का सबसे निचला स्तर है, इससे पहले नवंबर 2010 में रेपो रेट इस स्तर पर था। इस कटौती के बाद अब आपके घर और कार लोन की EMI घटने की उम्मीद बढ़ गई है। रिजर्व बैंक की इस कटौती के बाद बैंकों के पास ज्यादा लिक्विडिटी बनी रहेगी और बैंकों को इसका फायदा ब्याज दरें घटाकर ग्राहकों तक पहुंचाना होगा।
ब्याज दरों में कटौती को लेकर जितने भी अनुमान आए हैं उनमें अधिकतर सच साबित हुए हैं, ज्यादातर अनुमान में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद जताई गई थी। महंगाई में आई कमी की वजह से रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में घटाने में मदद मिली है।
RBI पॉलिसी के मुख्य अंश इस तरह से हैं
- रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, 6 फीसदी हुआ रेपो रेट
- रिवर्स रेपो रेट भी घटकर 5.75 फीसदी हुआ
- मार्जिन स्टैंडिंग फेसिलिटी (MSF) रेट घटकर 6.25 फीसदी किया गया
- बैंक रेट भी घटाकर 6.25 फीसदी किया गया।
- ब्याज दरों को लेकर मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी का नजरिया न्यूट्रल
- मध्यम अवधि के लिए उपभोक्ता महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी
- 2017-18 ग्रोथ का लक्ष्य 7.3 फीसदी पर बरकरार
इतनी घट सकती है EMI
अगर आपने 25 लाख रुपए का होम लोन 20 साल के लिए लिया हुआ है और उस पर 9.5 फीसदी का ब्याज देना पड़ रहा है तो आपकी EMI 23,303 रुपए होगा। ब्याज दर चौथाई फीसदी घटने के बाद आपकी EMI 22,897 रुपए होगी और इस प्रकार प्रति माह आप 406 रुपए की बचत कर सकेंगे। 50 लाख रुपए के होम लोन पर आप ब्याज दर घटने के बाद आप प्रति माह 814 रुपए बचा सकेंगे।