नई दिल्ली। पीपीएफ (PPF) और एनपीएस (NPS) दोनों ही स्वैच्छिक अंशदान के विकल्प हैं। जब पीपीएफ और एनपीएस में से किसी एक का चुनाव करने की बात आती है, तब लोग इस बात को लेकर असमंजस में पड़ जाते हैं कि कौन सा विकल्प उन्हें अधिक कर बचत लाभ प्रदान करता है। आयकर की धारा 80सी के तहत जब पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये की सीमा पूरी हो जाती है तब लोग एनपीएस में निवेश करते हैं।
पीपीएफ विरुद्ध इक्विटी रिटर्न की तुलना
एनपीएस अकाउंट में इक्विटी एक्सपोजर होता है। यदि निवेशक इक्विटी और डेट ऑप्शन में 50:50 ऑप्शन का विकल्प चुनता है, तब लॉन्ग-रन डेट ऑप्शन उन्हें लगभग 8 प्रतिशत रिटर्न देता है जबकि इक्विटी एक्सपोजर कम से कम 12 प्रतिशत का रिटर्न लॉन्ग-टर्म में देता है।
गणना के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति 100 रुपये एनपीएस में और 100 रुपये पीपीएफ में जमा करता है, तो पीपीएफ पर उसे 7.1 प्रतिशत की दर से वार्षिक रिटर्न मिलता है, वहीं दूसरी ओर एनपीएस में रिटर्न 10 प्रतिशत तक होगा, जो पीपीएफ की तुलना में 2.9 प्रतिशत अधिक है।
PPF कैलकुलेटर
मान लीजिए एक व्यक्ति अपने पीपीएफ अकाउंट में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये या 12,500 रुपये प्रति माह जमा करता है और पूरे इनवेस्टमेंट पीरियड के दौरान उसे 7.1 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है। तब पीपीएफ कैलकुलेटर के हिसाब से 30 साल बाद उसका मैच्योरिटी अमाउंट 1,54,50,911 रुपये होगा।
NPS कैलकुलेटर
इसी प्रकार, यदि एक व्यक्ति एनपीएस स्कीम में 1.5 लाख रुपये वार्षिक या 12,500 रुपये मासिक जमा करता है और एन्युटी को 40 प्रतिशत रखता है। तब एनपीएस कैलकुलेटर के हिसाब से वह व्यक्ति मैच्योरिटी पर 1,70,94,940 रुपये अपने अकांउट से निकाल सकता है और शेष 1,13,96,627 रुपये का उपयोग एन्युटी को खरीदने में करेगा, जिससे उसे हर माह लगभग 56,983 रुपये की पेंशन मिलेगी।
इसलिए पीपीएफ अकाउंट के स्थान पर एनपीएस स्कीम का चुनाव बेहतर है, इससे आपको रिटायरमेंट के वक्त न केवल अधिक पैसा मिलेगा, बल्कि आपको मासिक पेंशन भी मिलेगी, जिससे आप अपनी नियमित वित्तीय जरूरतों को आराम से पूरा कर पाएंगे।
नेशनल पेंशन सिस्टम एक स्वैच्छिक पेंशन योगदान सिस्टम है, जिसका प्रबंधन और नियमन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा किया जाता है। एनपीएस इनवेस्टमेंट टूल का गठन संसदीय अधिनियम के तहत किया गया है। हालांकि, एनपीएस अकाउंट में निवेश करते वक्त यह देखा गया है कि लोग अक्सर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और एनपीएस के बीच चुनाव करते वक्त बड़े असमंजस में रहते हैं। टैक्स और इनवेस्टमेंट विशेषज्ञों के मुताबिक, रिटायरमेंट फंड का निर्माण करने के लिए दोनों ही अच्छे इनवेस्टमेंट टूल हैं, लेकिन यदि कोई अधिक जोखिम उठाने में सक्षम है और वह अधिक पैसा बनाना चाहता है तब उसके लिए पीपीएफ से बेहतर एनपीएस होगा।
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