टैक्स सेविंग और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोक भविष्य निधि (PPF) को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। यह एक लंबे समय का निवेश है, यानि 15 साल की इस योजना में निवेश के जरिए बच्चों की पढ़ाई, शादी एवं अन्य पर्सनल जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा समर्थित इस स्कीम में बढ़िया ब्याज मिलता है। आप 15 साल से पहले भी इसका पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन यहां लॉकइन पीरियड की कुछ शर्तें होती है। लेकिन कई बार हम कुछ साल निवेश करने के बाद इसमें पैसा जमा करना बंद कर देते हैं। इससे आपको कई तरह के नुकसान हो जाते हैं। इसके साथ ही यदि आप मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर भी आपको कई शर्तों का पालन करना होता है। आइए जानते हैं पीपीएफ के इन्हीं नियमों के बारे में।
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निकासी के लिए यह शर्तें जरूरी
- नियम के अनुसार अगर पीपीएफ खाताधारक के आवासीय पते में बदलाव होता है। खासतौर पर वह राज्य छोड़कर जा रहा हो तो अकाउंट बंद कराने की सुविधा मिलती है।
- अगर खाताधारक के जीवन साथी या खाताधारक के किसी आश्रित को जानलेवा बीमारी हो जाए तब वह पूरा पैसा निकाल कर अकाउंट बंद करा सकता है।
- खाताधारक को अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है तब भी वह प्री-मैच्योर डिलीवरी ले सकता है।
- समय से पहले पीपीएफ खाता बंद कराने पर सबसे बड़ा नुकसान आपको मिलने वाले ब्याज पर होता है।
- आपको मौजूदा ब्याज दर के मुकाबले 1 प्रतिशत कम ब्याज दर मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति वर्तमान योगदान पर 8.5% का ब्याज पा रहा था, लेकिन अगर वह समय से पहले पीपीएफ खाता बंद करता है, तो उसे 7.5% तक ही ब्याज मिलेगा।
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