नई दिल्ली। 2011 की जनसंख्या जनगणना के अनुसार देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 10.3 करोड़, या कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत है। ऐसा अनुमान है कि यह संख्या हर साल 3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और अगले तीन दशकों में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 32 करोड़ हो जाएगी। इसका मतलब है कि उनकी जरूरतों में भी वृद्धि होगी। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अपनी सरल पेंशन स्कीम को लॉन्च करने के साथ ही इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि देश में एक प्रभावी रिटायरमेंट प्रोडक्ट की बहुत आवश्यकता है।
यहां पेश हैं पांच पेंशन स्कीम, जिनपर एक नजर डालना है जरूरी:
LIC Saral Pension Scheme
यह एक नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, सिंगल प्रीमियम, इंडीविजुअल इमीजिएट एन्युटी प्लान है। यह स्कीम 40 से 80 साल के व्यक्ति के लिए है। इसके लिए न्यूनतम निवेश की सीमा 12000 रुपये है, जिसमें मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक योगदान दिया जा सकता है इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। निवेशकों के लिए इसमें दो ऑप्शन हैं, एक व्यक्ति की मृत्यु पर पर्चेज प्राइस का 100 प्रतिशत रिटर्न के साथ लाइफ एन्युटी और दूसरा लास्ट सर्वाइवर की मृत्यु पर पर्चेज प्राइस का 100 प्रतिशत रिटर्न के साथ ज्वॉइंट लाइफ लास्ट सर्वाइवर एन्युटी।
NPS (National Pension Scheme)
एनपीएस सबसे लोकप्रिय, टैक्स-फ्रेंडली स्कीम है जिसे सीनियर सिटीजन ले सकते हैं। तीन साल तक निवेश को पूरा करने के बाद इसमें पैसा निकालने की भी सुविधा है। परिपक्वता अवधि से पहले कुल जमा का केवल 25 प्रतिशत ही निकासी की अनुमति है। घर निर्माण और अन्य इमरजेंसी के दौरान टैक्स फ्री निकासी भी इसमें की जा सकती है।
APY (Atal Pension Yojana)
यह इनक्लूसिव पेंशन कम रिटायरमेंट स्कीम 18 से 40 वर्ष के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। 60 साल की उम्र के बाद व्यक्ति को अपनी पेंशन संपत्ति का 100 प्रतिशत निकासी की अनुमति होगी। समाज के कमजोर और निम्न-आय वर्ग को पेंशन के दायरे में लाने के लिए सरकार भी इसके प्रीमियम में योगदान देती है। सरकारी मदद केवल उन्हीं लोगों को मिलती है जो अन्य किसी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं। इस स्कीम के तहत, सरकार सब्सक्राइर्ब्स के योगदान का 50 प्रतिशत या प्रति वर्ष 1000 रुपये, जो भी कम हो, का योगदान देती है। सरकार का यह योगदान केवल उन्हीं लोगों को दिया जाएगा जो किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कवर नहीं हैं और न ही आयकरदाता हैं।
PMVVY (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana)
पीएमवीवीवाई 10 सालों के लिए 7.4 प्रतिशत मासिक गारंटीड पेंशन दर की पेशकश करता है, जो इसे उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आकर्षक योजना बनाता है जो निश्चित लाभ के साथ एक नियमित आय चाहते हैं। जमा के तीन साल बाद इसमें 75 प्रतिशत राशि के बराबर लोन लेने की भी सुविधा मिलती है। बिना भुगतान वाले लोन के मामले में, मूल धन की वसूली इससे की जाएगी। हालांकि यह उल्लेखनीय है कि इस योजना में कोई कर लाभ नहीं मिलता है।
SCSS (Senior Citizen Savings Scheme)
यह स्कीम मुद्रास्फीति के खिलाफ प्रतिवर्ष 7.4 प्रतिशत का रिटर्न देती है। एससीएसएस में आप 1000 रुपये के न्यूनतम निवेश से शुरुआत कर सकते हैं और इसकी न्यूनतम निवेश अवधि पांच साल है। इसके बाद आप इसे 3 साल के लिए और आगे बढ़ा सकते हैं। यह योजना 60 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। इस योजना में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही निवेश किया जा सकता है और इस पर मिलने वाला ब्याज इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत करमुक्त है।
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