नई दिल्ली। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत मिलने वाली पेंशन की राशि की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति माह तक करने की व्यवहार्यता को परखने के लिए अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन कर रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। अटल पेंशन योजना के तहत मिलने वाली 5,000 रुपए तक की पेंशन राशि को दोगुना करने के लिए इससे पहले भी प्रस्ताव किया गया था।
पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेंमत जी कॉन्ट्रेक्टर ने बताया कि अटल पेंशन योजना एक गारंटीशुदा पेंशन योजना है, सरकार पर इसकी प्रतिबद्धता को पूरा करने का दायित्व है। ऐसे में सरकार पर कितनी जिम्मेदारी पड़ सकती है, इसके लिए कितनी जरूरत होगी, हम अपने पोर्टफोलियो का वास्तविक मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि हमें यह पता चल सके कि क्या सरकार को गारंटी दायित्व पूरा करने के लिए कुछ करने की जरूरत होगी या फिर इसकी आवश्यकता नहीं होगी।
इस प्रक्रिया के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। कॉन्ट्रेक्टर ने कहा कि एक बार इसको लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए तो सरकार अटल पेंशन योजना के दायरे को बढ़ा सकती है। पेंशन राशि दोगुनी होने की योजना को वास्तविकता में बदलने में कितना समय लगेगा इस पर उन्होंने कहा कि दिसंबर तक मूल्यांकन की परीक्षण प्रक्रिया खत्म हो जाएगी और उसके बाद कोई भी ठोस कदम अगले वर्ष फरवरी या मार्च तक ही उठाया जा सकेगा।
वित्त मंत्रालय ने इस साल जून में कहा था कि अटल पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए पीएफआरडीए द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर सरकार गौर कर रही है। इससे पहले कॉन्ट्रेक्टर ने जून में कहा था कि इस समय अटल पेंशन योजना के तहत हमारे पांच पेंशन स्लैब हैं। ये स्लैब एक हजार से लेकर पांच हजार रुपए मासिक तक के हैं।
बाजार में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि पेंशन राशि कम है और यह बढ़नी चाहिए, क्योंकि कई लोगों का मानना है कि 60 साल की उम्र में 5,000 रुपए की राशि आज से 20- 30 साल बाद बहुत कम होगी। पीएफआरडीए को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में अटल पेंशन योजना के खाताधारकों की संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी।