नई दिल्ली। सरकार को सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा को मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने के लिये जल्द से जल्द अध्यादेश लाना चाहिये। बैंक कर्मचारियों के भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध संगठन ‘नेशनल आर्गनाईजेशन आफ बैंक वर्कर्स (NOBW)। संगठन के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह मांग रखी है।
सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के साथ ही 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा चुका है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हो चुकीं हैं। विज्ञप्ति के अनुसार सरकार ने इस संबंध में ग्रेच्युटी संशोधन विधेयक 2017 को मानसून सत्र में लाने का आश्वासन दिया था लेकिन तब तक विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिली।
मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक को 12 सितंबर 2017 को मंजूरी दी गई और उसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना बनाई गई। लेकिन गुजरात चुनावों को देखते हुये शीतकालीन सत्र की अभी तक घोषणा नहीं हुई है। यह सत्र कब बुलाया जायेगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। राणा ने कहा है कि एक जनवरी 2016 के बाद से अब तक सेवानिवृत होने वाले हजारों कर्मचारियों को ग्रेच्युटी की बढ़ी सीमा का लाभ नहीं मिल पायेगा। सरकार को इस मामले में सरकारी कर्मचारियों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं बरतना चाहिये और जल्द से जल्द बैंक कर्मचारियों के साथ साथ सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के तमाम कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाना चाहिये।