नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष लोकप्रिय लघु बचत योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) से संबंधित नियमों में संशोधन किया था। यह सभी बदलाव प्रक्रियात्मक हैं। अब डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने भी अब इन प्रक्रियात्मक नियमों में बदलाव करने की अधिसूचना जारी कर दी है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम पीपीएफ अधिनियम 1968 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार की एक कानूनी योजना है। इस अधिनियम को फाइनेंस एक्ट 2018 के आठवें अध्याय द्वारा निरस्त किया गया और अब यह योजना सरकारी बचत संवर्धन अधिनियम 1873 (समय-समय पर संशोधित) और सार्वजनिक भविष्य निधि योजना नियम 2019 द्वारा संचालित है। पीपीएफ एकाउंट्स पर वर्तमान में 7.9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
जानिए नियमों में क्या हुआ है बदलाव
- पीपीएफ एकाउंट की परिपक्वता अवधि 15 साल की होती है। अगर आप इस एकाउंट को अगले 5 साल के लिए और बढ़ाना चाहते हैं तो वास्तविक पीपीएफ एकाउंट या विस्तारित पीपीएफ एकाउंट की परिपक्वता अवधि खत्म होने के एक साल पहले फॉर्म 4 जमा करना होगा। पहले निवेशकों को इसके लिए फॉर्म एच जमा कराना होता था।
- इसी प्रकार, पीपीएफ एकाउंट को परिपक्वता अवधि के बाद भी बिना कोई राशि जमा किए चालू रखा जा सकता है और जमा राशि पर समय-समय पर सरकार द्वारा अधिसूचित ब्याज दर के हिसाब से ब्याज निरंतर मिलता रहेगा। बिना जमा वाले पीपीएफ एकाउंट्स वाले मामले में खाताधारक एक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही निकासी के हकदार होंगे।
- खाताधारक की निवास स्थिति में परिवर्तन पर अब पीपीएफ खाते को परिपक्वता अवधि से पहले बंद कराया जा सकेगा। इसके लिए खाताधारक को पासपोर्ट और वीजा या इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी जमा कराना अनिवार्य होगा। इससे पहले पीपीएफ एकाउंट को खाता खोलने के पांच साल बाद केवल विशेष परिस्थितियों जैसे चिकित्सा उपचार या उच्च शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बंद कराया जा सकता था।
- पीपीएफ खाताधारक खाता खोलने के तीसरे से छठे वित्तीय वर्ष के बीच लोन लेने के लिए आवेदन कर सकता है। पीपीएफ बैलेंस पर लोन वालों के लिए सरकार ने ब्याज की दर को पीपीएफ ब्याज दर के ऊपर 2 प्रतिशत से घटाकर अब 1 प्रतिशत कर दिया है। यानि लोन पर अब पीपीएफ की जो ब्याज दर होगी उससे एक प्रतिशत अधिक की दर से ब्याज देय होगा।
- पीपीएफ खाताधारक को 36 महीने में लोन का भुगतान करना होगा। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि अगर लोन नहीं चुकाया गया या इसे केवल किस्तों में चुकाया गया तो, 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।