नई दिल्ली। सितंबर की 1 तारीख से आपको नई कार के लिए 3 साल और बाइक के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी बीमा कवर लेना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) को निर्देश दिया था कि वह 1 सितंबर से थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के इस नियम को अनिवार्य बनाए। IRDAI ने इस संदर्भ में सर्कुलर जारी कर गैर-जीवन बीमा कंपनियों को निर्देश भी दिया है। अभी तक सिर्फ दोपहिया वाहनों के लिए ही एक साल से अधिक अवधि वाला बीमा कवर बाजार में उपलब्ध था।
सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए यह बात 20 जुलाई को कही थी। कमेटी की सिफारिशों में कहा गया है कि दोपहिया या फोर व्हीलर्स की बिक्री के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर एक साल की जगह क्रमश: 5 साल और तीन साल के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में रजिस्टर्ड 18 करोड़ वाहनों में से सिर्फ 6 करोड़ वाहनों के पास ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर है।
क्या है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर
किसी भी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के दो हिस्से होते हैं। थर्ड पार्टी लाइबिलिटी कवर और ओन डैमेज। भारत में सभी रजिस्टर्ड वाहनों के लिए थर्ड पार्टी कवर होना अनिवार्य है। यह वाहन से किसी तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई करता है। यह ओनर के वाहन को पहुंची क्षति को कवर नहीं करता। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर का प्रीमियम प्रत्येक वर्ष IRDAI तय करता है।