नई दिल्ली। यदि आपने म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है, तब आपको अपने निवेश पर लागू होने वाले टैक्स के बारे में जानना बहुत जरूरी है। म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स होल्डिंग अवधि या निवेश अवधि पर निर्भर करता है। यहां दो प्रकार के होल्डिंग पीरियड हैं- लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म। अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड्स के लिए लॉन्ग टर्म होल्डिंग पीरियर और शॉर्ट टर्म होल्डिंग पीरियड के लिए अलग-अलग कारक होते हैं।
शॉर्ट टर्म होल्डिंग पीरियड
इक्विटी फंड्स को 12 महीने से कम अवधि तक अपने पास रखने को शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट कहते हैं। दूसरी ओर, डेट फंड्स के लिए तीन साल से कम होल्डिंग अवधि को शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट कहते हैं।
लॉन्ग टर्म होल्डिंग पीरियड
इक्विटी फंड्स को 12 महीने तक या इससे अधिक अवधि तक होल्ड करते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट माना जाएगा। वहीं दूसरी ओर डेट फंड्स के मामले में होल्डिंग पीरियर तीन साल या इससे अधिक है तो इसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट कहा जाता है।
म्यूचुअल फंड्स पर टैक्सेशन
म्यूचुअल फंड्स का बिक्री मूल्य यदि खरीद मूल्य से अधिक है, तब निवेशक को अपने म्यूचुअल फंड्स निवेश पर लाभ होता है। इस मुनाफे को कैपिटल गेंस (पूंजीगत लाभ) कहते हैं। इनवेस्टमेंट के होल्डिंग पीरियड के आधार पर, कैपिटल गेंस को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) में विभाजित किया जाता है। म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टमेंट पर टैक्स की गणना इन्ही कैपिटल गेंस के आधार पर की जाती है।
इक्विटी फंड्स: इक्विटी फंड्स पर एलटीसीजी 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से लागू होता है इस पर इनडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलता है। इक्विटी फंड्स पर एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक के एलटीसीजी को टैक्स से मुक्त रखा गया है। डेट फंड्स में एसटीसीजी 15 प्रतिशत वार्षिक दर से देय होता है।
डेट फंड्स: डेट फंड्स पर एलटीसीजी 20 प्रतिशत वार्षिक दर से लागू होता है और इस पर इनडेक्शन का अतिरिक्त लाभ भी मिलता है। दूसरी ओर एसटीसीजी को निवेशक के इनकट टैक्स स्लैब के आधार पर लगाया जाता है।
हाइब्रिड फंड्स: हाइब्रिड या बैलेंस्ड फंड्स पर, जिसमें 65 प्रतिशत से अधिक संपत्ति को इक्विटी या इक्विटी-रिलेटिड सिक्यूरिटीज में लगाया गया है, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तरह टैक्स लगाया जाता है। इसी प्रकार 65 प्रतिशत से अधिक संपत्ति डेट फंड्स में निवेश करने वाले हाइब्रिड फंड्स पर टैक्स की गणना डेट म्यूचुअल फंड्स की तरह की जाती है।
सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी)
इक्विटी और इक्विटी रिलेटिड सिक्यूरिटीज पर रिडम्पशन के वक्त 0.001 प्रतिशत की दर से सिक्यूरटीज ट्रांजैक्शन टैक्स भी लगाया जाता है। निवेशकों को एसटीटी डिडक्शन के बाद फंड्स का भुगतान किया जाता है, इसलिए उन्हें इसका भुगतान अलग से करने की आवश्यकता नहीं होती है।
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