नई दिल्ली। आज की युवा पीढ़ी लाइफस्टाइल में ही नहीं बल्कि इंवेस्टमेंट के लिए भी स्मार्ट तरीकों की तलाश में रहती है। अपनी बाइक, कार, घर से लेकर रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए लोग पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग, एफडी, इंश्योरेंस की बजाए म्यूचुअल फंड में इंवेस्टमेंट को तवज्जो दे रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड कंपनियां भी अलग-अलग इंवेस्टमेंट प्लान पेश कर रही हैं। रिटायरमेंट जैसी लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए भी आपको इंश्योरेंस के रिटायरमेंट प्लान और नेशनल पेंशन स्कीम पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है, इसके लिए भी म्यूचुअल फंड स्कीम्स मौजूद हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज आपको बताने जा रही है कि क्या म्युचुअल फंड्स रिटायरमेंट प्रॉडक्ट्स मौजूदा प्रॉडक्ट्स के मुकाबले बेहतर हैं?
For Good Future: रिटायरटमेंट के लिए पैसा जमा करने का जानिए क्या है सही तरीका
म्यूचुअल फंड्स में नहीं है एन्युटी का झंझट
म्यूचुअल फंड्स के रिटायरमेंट प्रॉडक्ट्स का मुख्य फायदा यह है कि आपको एन्युइटी नहीं खरीदनी होती है, जैसा कि नेशनल पेंशन स्कीम या इंश्योरेंस कंपनियों के पेंशन प्लान्स में करना पड़ता है। इसकी बजाय, आप सिस्टेमैटिक विदड्रॉल प्लान का चुनाव कर सकते हैं ताकि आपकी रेगुलर कैश फ्लो से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जा सके। चूंकि, विदड्रॉल का एक हिस्सा आपका प्रिंसिपल होता है, ऐसे में यह कहीं ज्यादा टैक्स-एफीशिएंट भी होता है।
लंबे समय तक इक्विटी में निवेश का फायदा
नेशनल पेंशन स्कीम जैसे रिटायरमेंट प्लान के लिए अभी निवेश की स्थिति साफ नहीं है। फिलहाल पेंशन स्कीम में आपकी पूंजी का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा इक्विटी में नहीं जा सकता। वहीं दूसरी ओर म्यूचुअल फंड प्रॉडक्ट्स में आप 100 फीसदी तक इक्विटी एक्सपोजर ले सकते हैं। ऐसे में आपको लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में निवेश का फायदा मिल सकता है। साथ ही शेयर बाजार की गति के साथ आपका निवेश भी लंबे समय में अच्छा रिटर्न दे सकती है।
मिलता है लिक्विडिटी का फायदा
नेशनल पेंशन स्कीम या इंश्योरेंस कंपनियों के मुकाबले म्यूचुअल फंड्स के पेंशन प्रॉडक्ट्स में ज्यादा लिक्विडिटी भी मिलती है। आप अपने एक्युमुलेटेड फंड को 3 से 5 साल के लॉक इन पीरियड के पूरे होने के बाद निकाल सकते हैं। हालांकि, आपको एक मामूली एग्जिट लोड चुकाना पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर पेंशन प्रोडक्ट में लॉन्ग टर्म में इंवेस्टमेंट का भरोसा तो देते हैं, लेकिन आपका पैसा लॉक हो जाता है।
अपनी उम्र के हिसाब से कर सकते हैं प्लानिंग
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए लंबे समय तक निवेश करते रहना बहुत जरूरी है। रिटायरमेंट प्लान में आप 20 से 30 साल के लिए निवेश करते हैं। यहां निवेश की राशि को आप अपनी सहूलियत के अनुसार चुन सकते हैं। यदि आप देरी से रिटायरमेंट की प्लानिंग करते हैं तो आप अपनी उम्र और कॉर्पस के अनुसार अपनी निवेश राशि को बदल भी सकते हैं। एनपीएस जैसी स्कीम्स में भी यह सुविधा मिलती है। लेकिन म्यूचुअल फंड में आपको मैनेज करने में आसानी होती है।