नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में बढ़ते संकट को देखते हुए आरबीआई ने 50,000 करोड़ रुपये के जरिए विशेष नकदी देकर म्यूचुअल फंड इड्स्ट्री को मदद करने का ऐलान किया है। निवेशकों का विश्वास बाजार में कायम रखने के लिए आरबीआई का यह कदम सराहनीय है। पिछले कुछ दिनों से हम देख रहे हैं कि कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों की वजह से इंडस्ट्री को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और कई कंपनियां या तो लोगो को नौकरियों से निकाल रही है, सैलरी काट रही है या फिर कारोबार ठप होने के वजह से अपने कंपनी के कई सेक्शन को बंद कर रही है। दबाव के ऐसे माहौल के बीच फ्रैंकलिन के द्वारा अपने 6 फंड्स को बंद करने से निवेशकों के बीच डर बढ़ गया है। हालांकि फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने आज निवेशकों की रकम को वापस लौटाने की प्रतिबद्धता जताई है। लेकिन निवेशकों के बीच अपने निवेश को लेकर चिंताए बनी हुई हैं।
ऐसे में कई सवाल हमारे मन में आते हैं कि क्या वाकई हमें अब म्यूचुअल फंड में पैसा नहीं लगाना चाहिए और हमारे फंसे हुए पैसों का अब क्या होगा। तो हम आपको अपने नीचे दी गई रिपोर्ट से समझाने की कोशिश करते हैं कि फ्रैंकलिन म्यूचुअल फंड में अगर आप ने किया है निवेश तो आगे क्या रणनिति अपनाएं?
फ्रैंकलिन ने अपने स्टेटमेंट में साफ कहा है कि वो अपने 6 डेट फंड वाले स्कीम को बंद करने जा रही है और अब निवेशक उनमें कोई खरीद-बिक्री नहीं कर पाएंगे। साथ ही किसी भी तरह का एसपी, एसडब्लूपी, एसटीपी नहीं कर पाएंगे। जिन 6 फंड्स को बंद किया गया है उसमें निवेशकों का लगभग 30,000 करोड़ रुपये कंपनी के पास फंसा हुआ है। जिन डेट फंड्स स्कीम को बंद किया गया है उसमें शामिल हैं
· फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड
· फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्रुअल फंड
· फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड
· फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान
· फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड
· फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड
म्यूचुअल फंड निवेशको को क्या करना चाहिए?
· एक तरफ जहां डेट फंड निवेशकों के लिए उपलब्ध सबसे सुरक्षित निवेश साधनों में से एक माना जाता हैं, जो बिना किसी जोखिम के अपने निवेशकों को निवेश पर एक अच्छा लाभ देती है साथ ही स्थिर रिटर्न देती है। ऐसे में इन फंड का बंद होना चिंता का विषय बन गया है।
· गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सर्टिफ़िकेट ऑफ़ डिपोज़िट जैसी स्कीम में निवेश अचानक से घटने लगा है और लोग अपने जमा किए पैसों को हर दिन रिडीम कर रहे हैं। जिसका नुकसान म्यूचुएल फंड कंपनियों को हो रहा है और लिक्विडिटी की कमी होने लगी है। ऐसे में कंपनी का मानना है कि ये कदम कोरोना संकट को देखते हुए जरुरी हो गया था।
· बाजार में निवेशकों और खरीदारों की कमी के चलते डेट फंड्स में भी संकट पड़ रहा है। ऐसे में निवेशक अभी खरीददार की कमी के चलते अपने यूनिट्स को न बेंच पाएगें और न ही रिडीम कर पाएंगे।
· निवेशकों को फिलहाल फ्रैंकलिन द्वारा अपने सभी बंद किए फंड्स के एसेट को बेचने का इंतजार करना होगा। जिसमें अभी वक्त लगेगा। निवेश किया हुआ पैसा अभी उन फंड्स में जमा रहेगा लेकिन निवेशक न ही उसे निकाल पाएंगे और न ही बेंच पाएंगे।
· फिलहाल डेट मार्केट की स्थिति को देखकर ही फंड हाउसिंग कंपनियां अपने होल्डिंग को ऱखेंगी या बेचेगी। इसलिए पैनिक न करें। इंतजार करें।
· कई फाइनेंशियल प्लैनर के मुताबिक फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहने की जरुरत है।
· अपने निवेश को ठीक से समझें। किसी के सलाह पर तुरंत कोई फैसना न लें।
· पोर्टफोलियो को किसी निवेश सलाहकार के मदद से समझें।
· हाई प्रॉफिट मार्जिन वाली कंपनियों में ही निवेश करें।
· हो सके तो लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न वाले फंड्स पर ध्यान दें और जानकारी लें।
· जिन कंपनियों पर कर्ज का बोझ कम हो ऐसी कंपनियों में पैसा लगाएं। डेट फ्री कंपनी जानने के लिए उनके बैंलेस शीट को पढ़ें। अगर खुद समझ में न आए तो किसी सलाहकार की मदद के जरिए कंपनी के कर्ज और मार्जिन के बारे जाने।
· छोटी अवधि में कंपनी को होने वाले मुनाफे पर ध्यान न दें।
· अगर आप रिस्क उठा सकते हैं तभी निवेश करें वरना अपने पैसे बाकी डेट फंड से चाहें तो निकाल लें। लेकिन सोच-समझकर
· जिन फंड की क्रेडिट क्वालिटी सही है उनमें निवेश करें। ज्यादा जोखिम वाले फंड को अपने निवेश से हटा दें या बेचकर किसी लंबी अवधि के सही फंड में पैसा लगाएं।
· हमारे देश में कम से कम 28-30 डेट फंड जैसी कंपनियां है जहां लोग पैसे लगाते हैं। इसीलिए सलाहकार की राय लें1