नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मोदी सरकार ने आज एक बड़ी खुशखबरी दी है। गुरुवार को लोकसभा में दो अहम बिल पारित हो गए। इनमें पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एमेंडमेंट बिल और स्पेसिफिक रिलीफ एमेंडमेंट बिल प्रमुख हैं। आपको बता दें कि विपक्ष ने इन दोनों बिल पर चर्चा और मत विभाजन की मांग की थी लेकिन इसे बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।
पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी बिल के तहत ग्रेच्युटी के तहत किसी संगठित क्षेत्र के कर्मचरियों को अधिकतम 10 लाख रुपए मिला करते थे। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एमेंडमेंट बिल में इस सीमा के बारे में कहा गया है कि इसके बारे में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की राशि बढ़ा कर 20 लाख रुपए तक कर सकती है।
अन्य बातों के अलावा इस बिल में यह प्रावधान भी किया गया है कि केंद्र सरकार मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) की अवधि अधिसूचित कर सकती है और यह अवकाश ग्रेच्युटी की गणना के लिए सेवा की निरंतरता मानी जाएगी। 1961 एक्ट के अनुसार, मातृत्व अवकाश की अधिकतम अवधि 12 हफ्ते थी जिसे मैटरनिटी बेनीफिट अमेंडमेंट एक्ट 2017 के अनुसार बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है।