नई दिल्ली। रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ (EPFO) ने 31 जनवरी, 2021 तक कुल 60.88 लाख कोविड-19 नॉन-रिफंडेबल एडवांस दावों का निपटारा किया है और इसके तहत कुल 15,255.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। यह आंकड़ा बताता है कि महामारी ने किस प्रकार संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है।
मार्च में जब कोविड-19 लॉकडाउन की घोषणा की गई थी तब केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइर्ब्स को अपने ईपीएफ खाते से तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के बराबर राशि निकालने की अनुमति दी थी।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 31 जनवरी, 2021 तक कुल 60.88 लाख कोविड-19 एडवांस दावों का निपटारा किया है और इसके तहत कुल 15,255.95 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। मंत्री ने काह कि 20 जनवरी, 2021 तक आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कुल लाभार्थियों (नए कर्मचारियों) की संख्या 4.96 लाख थी।
महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत के तहत केंद्र ने मार्च से अगस्त, 2020 तक ईपीएफ में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के 12-12 प्रतिशत हिस्से यानी 24 प्रतिशत योगदान का खर्च स्वयं वहन किया है। केंद्र ने यह योगदान ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों को दिया है, जहां 100 तक कर्मचारी काम करते हैं और उनमें से 90 प्रतिशत की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। मंत्री ने बताया कि 38.84 लाख पात्र ईपीएफओ सदस्यों के आधार से जुड़े यूएएन में और 2.63 लाख पात्र कंपनियों को 3567.22 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
सरकार ने महामारी के दौरान मई, 2020 से जुलाई,2020 के लिए 12 प्रतिशत अंशदान की दर को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। मंत्री ने बताया कि ईपीएफ अंशदान की दर को 12 से घटाकर 10 प्रतिशत करने से जुलाई में 1,41,045 कंपनियों और 180.93 लाख सब्सक्राइर्ब्स को फायदा हुआ। मई में ऐसे लाभार्थी सब्सक्राइर्ब्स की संख्या 157.83 लाख और जून में 175.44 लाख थी।