नई दिल्ली: आज अगर आपके पास मोटी नकदी है और आप इसका इस्तेमाल सही निवेश विकल्पों में नहीं करते हैं तो कुछ वर्षों बाद निश्चित तौर पर आप अपने को पहले से कमजोर वित्तीय स्थिति में पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि नकद पैसा अपनी जेब या लॉकर में रखना किसी भी तरह से समझदारी का निर्णय नहीं है। नकदी पर आपको कोई रिटर्न नहीं मिलता जबकि महंगाई सतत बढ़ती रहती है, ऐसे में एक निश्चित समय बाद आपकी क्रय क्षमता घट जाती है। समझिए क्यों नकदी नहीं आपके बुढ़ापे का सहारा।
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नकदी जमा रखना जोखिम भरा काम
नकदी (Cash) को जमा करके रखना सबसे जोखिम भरा काम है क्योंकि कैश की कीमत समय के साथ साथ कम हो जाती है। मसलन, अगर आप पिछले साल अपनी लॉकर में 100 रुपए रखकर छोड़ देते हैं तो आज भी 100 रुपए ही होते। जबकि महंगाई बढ़ने के कारण पिछले साल 80 रुपए किलो में मिलने वाली दाल 200 रुपए किलो की हो गई। इस समीकरण से आपके रुपए की क्रय क्षमता घट गई। इसलिए आपको नकदी के रूप में बहुत बड़ी राशि नहीं रखनी चाहिए।
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निवेश में जितना जोखिम उतना रिटर्न
अंग्रेजी की कहावत More risk more return का सीधा मतलब है कि किसी भी निवेश में रिटर्न, जोखिम के सापेक्ष होता है। मतलब निवेश में जोखिम के साथ-साथ रिटर्न का अनुपात बढ़ता जाता है। वहीं इसके विपरीत अगर आप ऐसे विकल्प में निवेश करते हैं जहां कोई जोखिम नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको मिलने वाला रिटर्न भी बहुत मामूली होता है। मसलन बैंक के बचत खाते में जमा पैसों पर तकरीबन 4 फीसदी का ब्याज मिलता है।
इक्विटि फंड निवेश के लिए बेहतर विकल्प
मनीलिशियस के डायरेक्टर जयप्रकाश गुप्ता के मुताबिक म्युचुअल फंड् इंडस्ट्री काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। वहीं आने वाले समय में इक्विटी मार्केट में ग्रोथ का सबसे ज्यादा फायदा मजबूत कंपनियों को मिलेगा और जिन फंड हाउस ने इन कंपनियों में निवेश किया है। उनको बेहतर रिटर्न मिलना तय है। इक्विटि फंड अपना पैसा इक्विटि शेयरों में निवेश करते हैं, और इन शेयरों का मूल्य बढ़ने पर यूनिट होल्डरों का मुनाफा बढ़ता है। गुप्ता ने कहा कि ऐसे में इक्विटि फंड में निवेश किया जा सकता है। लेकिन किस फंड में निवेश करना है, इसकी सलाह अपने एडवाइजर लें।
निवेश पर रिटर्न की दर हो महंगाई से ज्यादा
निवेश करते समय आपको जिस एक बुनियादी बात का ध्यान रखना चाहिए वह यह कि आपको मिलने वाले रिटर्न की दर महंगाई दर से ज्यादा होनी चाहिए अन्यथा धीरे धीरे आपकी निवेशित राशि की वैल्यु भी कम होने लगती है। निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की दर अगर महंगाई की दर से ज्यादा होगी तो आपकी वित्तीय स्थिति और क्रय क्षमता पर नकारात्मक असर नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई के साथ साथ आपकी ओर से निवेशित राशि भी बढ़ती रहेगी। ऐसे में आपको किसी निवेश विकल्प का चुनाव करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मिलने वाले रिटर्न की दर औसत महंगाई दर से ज्यादा होनी चाहिए।