नई दिल्ली। जब स्टॉक मार्केट में तेज गिरावट आती है तो इसका असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर भी होता है। ऐसे में म्यूचुअल फंड्स में किया गया निवेश कैसे सुरक्षित हुआ? यह एक ऐसा सवाल है जो निश्चित तौर पर ऐसे निवेशकों के मन में उठता होगा जो तमाम एक्सपर्ट्स को शेयर बाजार में सीधे निवेश न करके म्यूचुअल फंड्स के रास्ते निवेश की सलाह देते हैं। ऐसे में यह समझ लेना बहुत जरूरी है कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश सीधे इक्विटी की तुलना में कितना सुरक्षित है।
Cash नहीं है फाइनेंशियली मजबूत होने की गारंटी, रिटायरमेंट के लिए बनाएं सही रणनीति
पहले जानिए यह दो फैक्ट
- इक्विटी म्यूचुअल फंड्स एक ऐसा जरिया है जिसके माध्यम से आप शेयर बाजार में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश करते हैं। इसलिए स्टॉक मार्केट का प्रदर्शन बहुत हद तक आपके फंड के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
- स्टॉक मार्केट ऊपर जाता है और नीचे गिरता है, इसलिए आपके इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की वैल्यू भी उसी अनुसार घटती और बढ़ती है। हालांकि लंबी अवधि में इक्विटी में निवेश आपको महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न देता है।
Smart Planning: 5 लाख रुपए के शुरुआती निवेश से ऐसे बने 10 साल में करोड़पति
शेयर बाजार में सीधे निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड्स ज्यादा सुरक्षित क्यों?
शेयर बाजार में सीधे निवेश के जोखिम से तो सभी अच्छी तरह परिचित हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेशकों को दो अन्य जोखिम से और बचाते हैं।
- गलत निर्णय का जोखिम:शेयर बाजार में निवेश के लिए कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है। किसी की टिप्स पर शेयर बाजार में किए गए निवेश से लोग अपनी जीवन भर की कमाई गंवा बैठते हैं। वहीं दूसरी ओर म्यूचुअल फंड्स में प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स होते हैं, जिनके पास अपनी रिसर्च टीम होती है। इनका पूरा काम ही निवेश का सही व उचित निर्णय लेना है। आपको उनके ज्ञान और अनुभव का फायदा मिलता है। वास्तव में, अच्छे म्यूचुअल फंड्स का एक ट्रेक रिकॉर्ड है कि वह बाजार की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं। म्यूचुअल फंड्स विभिन्नता प्रदान करते हैं और यह आपको गलत निर्णय लेने से दूर रहने में आपकी मदद करते हैं।
- फ्रॉड की नहीं गुंजाइश:म्यूचुअल फंड्स का रेगूलेशन कठोरता से सेबी द्वारा किया जाता है, इसलिए यहां किसी भी तरह के फ्रॉड होने और उसमें आपकी कमाई डूबने की कोई संभावना ही नहीं है।इसलिए छोटे व नए निवेशकों को हमेशा अपने निवेश की शुरुआत म्यूचुअल फंड्स के साथ करने की सलाह दी जाती है। इसके विपरित किसी छोटी और कमजोर फंडामेंटल वाली कंपनी के शेयर अगर किसी तरह मैनेज करके कुछ सटोरियों ने चढ़ा दिए हैं तो आम निवेशक के इनमें फंसने के बहुत हद तक चांसेस रहते हैं।