नई दिल्ली। जीवन बीमा फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा है। इसके जरिए आप अपने ऊपर आर्थिक रूप से निर्भर लोगों को वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता। यह सस्ता भी है और आपके इंश्योरेंस की जरूरतें भी पूरी करता है। टर्म प्लान के भी अब दो विकल्प बाजार में हैं। एक जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को कोई पैसे नहीं मिलते और दूसरा जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को प्रीमियम वापस कर दिया जाता है। प्रीमियम वापस करने वाली पॉलिसी को Return of Premium (ROP) कहते हैं।
यह भी पढ़ें :डिजिटल पेमेंट करने पर 10 फीसदी तक कम देना होगा बीमा प्रीमियम, सरकार ने किया ऐलान
टर्म इंश्योरेंस बनाम ROP
- टर्म इंश्योरेंस के फायदे हम सब जानते हैं।
- पॉलिसी अवधि पूरी होने के बाद पॉलिसीधारक को कुछ भी नहीं मिलता।
- हां, अगर पॉलिसी अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो सम एश्योर्ड का भुगतान कर दिया जाता है।
- ROP उनके लिए है जो पॉलिसी समाप्त होने के बाद कुछ मैच्योरिटी बेनीफिट चाहते हैं।
- लेकिन ROP के मामले में भी पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद सिर्फ सम एश्योर्ड यानी बीमा की राशि का ही भुगतान किया जाता है।
दोनों पॉलिसियों के प्रीमियम में है भारी अंतर
- एक प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान जीवन बीमा का सबसे सस्ता ऑप्शन है।
- यह आपसे सिर्फ बीमा कवर का चार्ज लेता है।
- दूसरी तरफ ROP के प्रीमियम अधिक होते हैं क्योंकि मैच्योरिटी पर यह आपको कुल प्रीमियम वापस लौटाने का वादा करती है।
- इस पर आपको कोई रिटर्न या ब्याज नहीं दिया जाता है।
- ROP के मामले में बीमा कंपनियां प्रीमियम वापस करने की गारंटी का चार्ज भी वसूलती हैं।
- इन्हें निवेश के लिए प्रीमियम से अतिरिक्त राशि की जरूरत होती है।
प्रीमियम में इतना फर्क की आप सोच भी नहीं सकते
- आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि सिर्फ अपने प्रीमियम वापस करने के लिए आपको कितनी ज्यादा राशि का भुगतान करना पड़ेगा।
- उदाहरण के तौर पर अगर एक 35 साल का व्यक्ति 20 साल के लिए 1 करोड़ रुपए का टर्म इंश्योरेंस लेता है तो उसे लगभग 8,000 रुपए का सालाना प्रीमियम (Online खरीदने पर) देना होगा।
- इतने ही बीमा कवर के लिए अगर वह व्यक्ति ROP लेता है तो उसे लगभग 29,000 रुपए सालाना का प्रीमियम 20 साल तक देना होगा।
- मतलब अपना ही प्रीमियम वापस पाने के लिए उसे 21,000 रुपए प्रति वर्ष अधिक देने होंगे।
यह भी पढ़ें : डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल खरीदने पर मिलेगा 0.75 फीसदी डिस्काउंट, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नई घोषणा
पॉलिसी सरेंडर करने पर क्या मिलेगा?
- टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी यानी टर्म प्लान सरेंडर करते ही आपकी पॉलिसी समाप्त हो जाती है।
- आपको चुकाए गए प्रीमियम का एक भी पैसा वापस नहीं किया जाता है।
- वहीं, पॉलिसी चालू रहने के कुछ वर्षों के बाद ही ROP का कुछ सरेंडर वैल्यू बनता है।
- इनका सरेंडर चार्ज भी ज्यादा होता है।
- इस नजरिए से देखें तो आप न केवल प्रीमियम के तौर पर ROP के लिए ज्यादा पैसे देते हैं बल्कि बीच में पॉलिसी समाप्त करने के बदले आपको भारी शुल्क भी देना होता है।
तो क्या है बेहतर विकल्प?
- बीमा और निवेश को अलग-अलग रखें। ROP लेने की जगह प्योर टर्म इंश्योरेंस खरीदें।
- जितनी अवधि के लिए आप ROP लेने की सोच रहे थे उतनी ही अवधि तक टर्म इंश्योरेंस से लेने बची राशि का निवेश सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए म्यूचुअल फंड की किसी अच्छी इक्विटी स्कीम में कीजिए।
- भरोसा कीजिए, आपके द्वारा अपनाई गई यह नीति न केवल आपके अपनों को आर्थिक सुरक्षा देगी बल्कि पॉलिसी समाप्त होने के समय आपके पास एक अच्छी धनराशि भी इकट्ठी हो जाएगी।