आपकी कमाई सुरक्षित रूप से न सिर्फ बढ़े बल्कि दोगुनी हो जाए, इससे बेहतर और क्या हो सकता है। लेकिन कमाई दोगुनी करने के चक्कर में आम आदमी चिटफंड कंपनियों के जंजाल में फंस जाता है और अपना सब कुछ गंवा देता है। ऐसे में हर कोई ऐसी जगह धन लगाना चाहता है जहां आपको फायदा भी हो और निवेश भी सुरक्षित रहे।
इस काम में पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स सबसे मुनाफेमंद विकल्प के रूप में सामने आई हैं। इन स्कीम्स पर बरसों से लोगों का भरोसा रहा है। ये स्कीम्स आज के जमाने की तरह मोटे निवेश का वादा तो नहीं करती, लेकिन सुरक्षित होने के चलते हर कोई इन पर भरोसा कर लेता है। खासकर अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।
बेहतर विकल्प है किसान विकास पत्र
किसान विकास पत्र पोस्ट ऑफिस की एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है। यह स्कीम एक निश्चिम अवधि के बाद आपके धन पर एक तय रिटर्न का वादा करती है। आप किसी भी डाकघर से किसान विकास पत्र खरीद सकते हैं। इसका मेच्योरिटी पीरियड अभी 124 महीने यानि करीब 10 साल का होता है। आपको कम से कम 1000 रुपए का निवेश करना होगा। अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है। इस समय किसान विकास पत्र पर पर आपको 6.9 परसेंट का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है। आप 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं।
तीन तरह से खरीद सकते हैं
1. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट खुद के लिए या किसी नाबालिग के लिए खरीदा जाता है
2. ज्वाइंट A अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों होल्डर्स को भुगतान होता है, या जो जीवित हो
3. ज्वाइंट B अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों में से किसी एक को भुगतान होता है या जो जीवित हो
नहीं मिलती है टैक्स छूट
इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है। इस पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्सेबल है। मैच्योरिटी के बाद निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। मैच्योरिटी पर यानी 124 महीने बाद आप रकम निकाल सकते हैं, लेकिन इसका लॉक -इन पीरियड 30 महीनों का होता है।
कैसे खोलें अकाउंट?
आप किसी भी डाकघर में जाकर फॉर्म भरकर अकाउंट खोल सकते हैं। फॉर्म पर पूरा नाम, जन्मतिथि और नामांकित व्यक्ति का पता लिखा होना चाहिए। फॉर्म में परचेज अमाउंट की मात्रा स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए। KVP फॉर्म की राशि का भुगतान चेक या नकद के माध्यम से किया जा सकता है। चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो फॉर्म पर चेक नंबर की जानकारी लिखें। फॉर्म जमा करने पर लाभार्थी के नाम, मेच्योरिटी तिथि और मेच्योरिटी राशि के साथ किसान विकास प्रमाणपत्र मिलेगा।