Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. Optimum Utilize: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदते और इस्‍तेमाल करते समय ध्‍यान रखें ये 5 बातें

Optimum Utilize: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदते और इस्‍तेमाल करते समय ध्‍यान रखें ये 5 बातें

महंगे हेल्‍थ खर्च से सुरक्षा के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सबसे सुरक्षित और आसान उपाए है। यह इलाज पर हुए खर्च से राहत देने के साथ टैक्‍स बेनिफिट भी देता है।

Shubham Shankdhar
Updated : March 19, 2016 8:47 IST
Optimum Utilize: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदते और इस्‍तेमाल करते समय ध्‍यान रखें ये 5 बातें
Optimum Utilize: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी खरीदते और इस्‍तेमाल करते समय ध्‍यान रखें ये 5 बातें

नई दिल्‍ली। देश में मेडिकल सुविधाएं जितनी तेजी से विकसित हो रही हैं, उतनी की रफ्तार से इलाज का खर्च भी महंगा होता जा रहा है। महंगे हेल्‍थ खर्च से सुरक्षा के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सबसे सुरक्षित और आसान उपाए है। यह इलाज पर हुए खर्च से राहत देने के साथ टैक्‍स बेनिफिट भी देता है। लेकिन सिर्फ हेल्‍थ इंश्‍योरेंस खरीद लेना ही काफी नहीं होता। क्‍योंकि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस तभी फायदेमंद होता है जब हम इस पॉलिसी को खरीदते और इस्‍तेमाल करते वक्‍त सावधानी बरतें। हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते वक्‍त जो बात सबसे ज्‍यादा मायने रखती है वह है इसकी कैशलैस फेसिलिटी। इसके अलावा नेटवर्क हॉस्‍पिटल, क्‍लेम सेटलमेंट जैसी कई महत्‍वपूर्ण बातें हैं जिन्‍हें हेल्‍थ पॉलिसी लेते वक्‍त ध्‍यान में रखना पड़ता है। इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से जुड़े कुछ खास टिप्‍स के बारे में बताने जा रही है, जो आपको पॉलिसी खरीदते या इलाज करवाते वक्‍त ध्‍यान में रखनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- Independent: बजट में पेश की जा सकती है बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना, 50 हजार रुपए से अधिक का मिलेगा कवर

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की कैशलैस फैसिलिटी का लें फायदा

 हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेते वक्‍त आपको कंपनी की कैशलैस सर्विस पर जरूर ध्‍यान देना चाहिए। क्‍योंकि यह सुविधा मिलने के चलते आपको इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ता। मरीज को अस्पताल में भर्ती या डिस्चार्ज के समय बड़ी राशि का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। अस्पताल में रहने का खर्च अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनी के बीच में होता है। ऐसे में कैसलैस ट्रांस्जेक्शन में मरीज को पेपरवर्क और क्लेम सब्मिट कराने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ते।

यह भी पढ़ें- Always Share: हॉस्‍पिटलाइजेशन के बाद इंश्‍योरेंस कंपनी को दें ये जानकारी, नहीं अटकेगा हेल्‍थ पॉलिसी का क्‍लेम

रीइंबर्समेंट करवाते वक्‍त ये ध्‍यान रखें

कई बार हमारा इलाज कैशलैस हॉस्पिटल में होना संभव नहीं हो पाता। इस स्थिति में हमें कंपनी के पास क्‍लेम रीइमबर्समेंट के लिए भेजना होता है। रीइमबर्समेंट के वक्‍त पॉलिसी होल्डर को यह सुनिश्चित करना होता है उसके पास अपने सारे दस्तावेज है जैसे कि बिल्स, टेस्ट के प्रूफ, टेस्ट के नतीजे और प्रिसक्रिप्शन। साथ ही इसे ट्रिटमेंट के 30 दिनों के भीतर इंश्योरर के पास जमा कराने होते हैं। ये 30 दिन का समय बिल पेमेंट और रिइनबर्समेंट के बीच का वेटिंग पीरियड होता है।

तस्वीरों से जानिए टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स के बारें में

TAX SAVING PRODUCTS

indiatvpaisa_HealthinsurancIndiaTV Paisa

indiatvpaisa_MFinvestIndiaTV Paisa

IndiaTV_Paisa_RetirementIndiaTV Paisa

income-tax-return-1IndiaTV Paisa

indiatvpaisa_capitalgainIndiaTV Paisa

indiatvpaisa_financilaplanIndiaTV Paisa

indiatv-paisa-insurance1IndiaTV Paisa

india-tv-paisa-retirementIndiaTV Paisa

mutualfunds_1IndiaTV Paisa

बीमा कंपनी को सूचित करें

अगर आपके साथ भी ऐसी कोई दिक्कत हो तो इन सबके बीच बीमारी एवं इलाज के संबंध में अपनी बीमा कंपनी को अवश्य सूचित करें। यदि आप कैशलेस सुविधा ले रहे हैं तो अस्पताल में जाने से पहले एक बार अपनी बीमा कंपनी को भी सूचित कर दें। यह सूचना ईमेल के अलावा फोन पर भी दी जा सकती है। यदि आपको बीमा कंपनी के दायरे में आने वाले अस्पताल की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है एवं आपके घर के नजदीक कई अस्पताल हैं जिनमें आपातकालीन सेवा ली जा सकती है तो इस बारे में अपनी बीमा कंपनी से पूछना न भूलें। उसे तुरंत फोन कर यह सुनिश्चित कर लें कि क्या संबंधित अस्पताल उसके नेटवर्क में आता है? अपनी बीमा कंपनी का डायरेक्ट हेल्पलाइन नंबर हमेशा अपने पास रखें।

नेटवर्क हॉस्‍पिटल की लिस्‍ट पास जरूर रखें

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते वक्‍त कंपनी एक नेटवर्क हॉस्पिटल की लिस्‍ट भी मुहैया करवाती है। आपका इस लिस्‍ट को हमेशा पास रखना चाहिए। इससे इमर्जेंसी के वक्‍त नेटवर्क हॉस्पिटल में इलाज करवाना आसान हो जाता है। नेटवर्क हॉस्‍पिटल के साथ इंश्‍योरेंस कंपनी का टाइअप होता है। अस्पताल इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम संबंधित जानकारी इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से करती है। कैशलैस हैल्थ पॉलिसी में क्लेम का इलेक्ट्रॉनिक क्सचेंज होने से क्‍लेम अप्रूव होने में देरी नहीं लगती। वहीं इंश्‍योरेंस कंपनी भी मरीज की हालत पर रियल टाइम एक्‍सेस रखती है। पॉलिसी होल्डर कैशलैस क्लेम प्रक्रिया में किसी भी तरह से शामिल नहीं होता और क्लेम प्री अप्रूव होते हैं इसलिए फ्रॉड की संभावना कम हो जाती है।

पॉलिसी लेते वक्‍त राइडर्स का रखें ध्‍यान

हेल्‍थ पॉलिसी लेते वक्‍त बीमा कंपनी से राइडर्स के लिए जरूरत पूछें। कई राइडर्स आपको बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। जैसे क्रिटिकल इलनेस राइडर, जिसमें बेहद गंभीर प्रकृति की बीमारियों जैसे कैंसर, स्ट्रोक आदि के लिए बीमा कंपनी से भुगतान मिलता है। सामान्‍य परिस्थिति में बीमा कंपनी इन क्रिटिकल बीमारियों का भुगतान नहीं करतीं। इसके अलावा यदि आप रूम रेंट वेवर राइडर के तहत आप रूम रेंट लिमिट से महंगा कमरा ले सकते हैं। इसके अलावा आप पर्सनल एक्सीडेंट राइडर ले सकते हैं। ये राइडर आकस्मिक एक्सिडेंट जिसमें मृत्यु या फिर कुछ समय के लिए विक्लांगता हो जाए तो काम आती है। हॉस्पिटल कैश राइडर के तहत अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं तो ये राइडर आपको रोजाना कैश उपलब्ध कराता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement