नई दिल्ली। बेहतर कार बीमा तलाशने में भारतीय अपना ज्यादा समय खर्च नहीं करते, जबकि देश में अधिक सड़क हादसों के चलते कारों को बहुत नुकसान होता है। ऐसे नुकसान से बचने के लिए हमें अपने स्तर पर डैमेज कवर लेना चाहिए, इसे लेते समय इन 8 बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
आईडीवी
यह वह अधिकतम राशि है जो कार चोरी या क्षतिग्रस्त होने पर क्लेम कर सकते हैं। आईडीवी कार की प्राइस से अवमूल्यन को घटाकर तय की जाती है। कार 5 साल से ज्यादा पुरानी है तो आपसी समझौते से कार की कीमत तय की जाती है।
कवरेज
यह दो हिस्सों में होता है। पहला थर्ड पार्टी जो नुकसान में पीडि़त परिवार को मुआवजा देता है। दूसरा वैकल्पिक डैमेज कवर, यह चोरी, एक्सीडेंट, आग, प्राकृतिक आपदा आदि में नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है।
एड ऑन/टॉप अप
यह कुछ अतिरिक्त पैसे देकर अधिक सुविधाएं लेने जैसा है। उदाहरण के लिए इंजन प्रोटेक्टर, जीरो डेप, 24x7 रोडसाइड असिस्टेंस आदि। कोई अपनी जरूरत के हिसाब से राइडर को चुन सकता है।
अपवाद
हमें पता होना चाहिए कि पॉलिसी में क्या कवर है और क्या नहीं। यह हमारा हक और कर्तव्य दोनों है। बीमा लेने से पहले हमें इंश्योरेंस कंपनी से एक-एक चीज स्पष्ट कर लेनी चाहिए।
कटौति राशि
इसका मतलब है कि क्लेम के समय हम पहले से तय एक हिस्सा खुद वहन करेंगे। अगर आप ज्यादा कटौती पर सहमत हैं तो पॉलिसी की कीमत उसी अनुपात में कम हो जाती है।
क्लेम में आसानी
आजकल क्लेम निस्तारण प्रक्रिया बहुत ही आसान और तेज हो गई है। कई कंपनियां तो आपके दरवाजे पर ही यह सुविधा दे रही हैं। बीमा कराते समय यह देखना फायदेमंद रहेगा कि कंपनी कितनी टेक्नो फ्रेंडली है।
बीमा कंपनी का नेटवर्क
यह पता लगा लेना बहुत जरूरी है कि हम जिस कंपनी से बीमा करवा रहे हैं, उसका नेटवर्क हमारे शहर या आसपास कितना मजबूत है। जैसे गैराज या सर्विस सेंटर्स से उसका टाइअप आदि।
नो क्लेम बोनस
ये वह राशि है जो बीमा क्लेम न करने के लिए रिन्यू के समय डिस्काउंट के रूप में मिलती है। यदि हम नई कार खरीद रहे हैं, तो भी पुरानी कार के नो क्लेम बोनस को ट्रांसफर किया जा सकता है।