नई दिल्ली। बीमा नियामक (IRDAI) ने सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को ऑटो डीलर नेटवर्क के जरिए मोटर बीमा पॉलिसी बेचने की अनुमति दे दी है ताकि ग्राहकों को और अधिक विकल्प मिल सके। ये कंपनियां भिन्न कीमतों की पेशकश के साथ मोटर बीमा पालिसी बेच सकेंगी। भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने नए दिशानिर्देश में यह व्यवस्था दी है। उसके इस कदम से इस खंड में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है जो कि ग्राहकों के लिए बेहतर पेशकश लाएंगे।
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अब तक की व्यवस्था में कोई ग्राहक वाहन बीमा उसी बीमा कंपनी से ले सकते थे जिसके साथ वाहन डीलर का पहले ही विशेष समझौता हो। इसके साथ ही कंपनियों को भेदकारी या भिन्न कीमतों की पेशकश की अनुमति नहीं थी। IRDAI ने 31 अगस्त के परिपत्र में मोटर पालिसी के वितरण व सेवाओं में वाहन डीलरों की भूमिका को स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि IRDAI ने मोटर डीलर भुगतान के अध्ययन के लिए एक समिति गठित की थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल मई में दाखिल की। इस रिपोर्ट और भागीदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद IRDAI ने नए नियम तय किए हैं।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के कुल प्रीमियम का 40 प्रतिशत मोटर बीमा से आता है। उसका मानना है कि नए नियमों से डीलरों के जरिए आने वाला उसका कारोबार प्रभावित नहीं होगा।
यूनाइटेड इंडिया के निदेशक एम एन शर्मा ने कहा कि,
हमारा लगभग सभी प्रमुख कार डीलरों से गठजोड़ है। हमारी मोटर पॉलिसी में इस चैनल का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है।
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इसके साथ ही IRDAI ने वाहन डीलरों के लिए ऊंचे कमीशन को भी मंजूरी दी है। इस कमीशन का भुगतान बीमा कंपनियां करती है। आईसीआईसीआई लोंबार्ड के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी भार्गव दासगुप्ता ने कहा कि नए दिशानिर्देश अच्छे हैं क्योंकि इससे इस खंड में मजबूती आएगी। हमारी प्रीमियम आय में इस खंड का 40 प्रतिशत हिस्सा है।