नई दिल्ली। भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग पैसा निवेश कर अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने के नए-नए रास्ते तलाशने में जुटे हैं। ऐसे में यह भी जरूरी है कि अपने साथ-साथ बच्चों को भी वित्तीय रूप से सुरक्षित किया जाए। बच्चों के लिए निवेश करने में बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। हड़बड़ी में निवेश करने के बजाये ठंडे दिमाग से प्लानिंग करनी चाहिए। ऐसा करते समय आपको ध्यान रखना होगा कि बच्चे को उम्र के किस पड़ाव में किस चीज की जरूरत होगी। उसके लक्ष्यों के मुताबिक ही प्लान बनाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए हम आपको कुछ ऐसे विकल्प बताने जा रहे हैं जिनसे भविष्य में बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड के जरिये आप बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ एक पारंपरिक और लोकप्रिय निवेश माध्यम है। बच्चों के नाम पर पीपीएफ खाता उनके माता, पिता ही खुलवा सकते हैं। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के पीपीएफ अकाउंट खोले जा सकते हैं। पीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है। पीपीएफ खाते का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। साल भर में इसमें 1.50 लाख रुपए का निवेश किया जा सकता है। अगर आप 1.50 लाख रुपए से अधिक का निवेश करते हैं तो उस रकम पर आपको ब्याज नहीं मिलता है। अगर आपके दो बच्चे हैं तो अलग-अलग पीपीएफ खाता खोलकर 3 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है। 15 साल के बाद आप खाते से पूरी रकम एक साथ निकाल सकते हैं। इसके बाद 5-5 साल के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड (ETF)
इक्विटी म्यूचुअल फंड किसी भी अन्य निवेश विकल्प के मुकाबले लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न दे सकता है। म्यूचुअल फंड में आप सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिये किस्तों में निवेश कर सकते हैं। अगर आप प्रोफेशनल वित्तीय सलाहकार की मदद लें तो म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में निवेश से बेहतर मुनाफा की संभावना बढ़ जाती है। बच्चे की जरूरत के लिए अगर 10 साल बाद पैसों की जरूरत है तो बेहतर है कि निवेश लार्जकैप फंडों में किया जाए।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत, 10 साल तक की उम्र तक किसी भी लड़की के माता-पिता या कानूनी अभिभावक यह खाता खोल सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना खाता किसी भी सरकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है। अभी इस पर ब्याज दर 7.6 फीसदी है। सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना कम से कम 250 रुपए जमा किए जा सकते हैं। योजना के तहत सालाना अधिकतम 1.50 लाख रुपए जमा किया जाता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ भी लिया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलने के दिन से 15 साल पूरा होने तक निवेश करना होता है लेकिन यह खाता 21 साल पूरा होने पर मैच्योर होता है। खाते के 15 साल पूरा होने के बाद से 21 साल तक खाते में उस समय के तय ब्याज दर के हिसाब से पैसा जुड़ता रहेगा।