दुबई। दुबई में भारतीय सबसे बड़े विदेशी प्रॉपर्टी निवेशक के तौर पर उभरे हैं। दुबई लैंड डिपार्टमेंट के मुताबिक पिछले साल भारतीयों ने यहां 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया है।
पिछले साल कुल रियल एस्टेट निवेश 91 अरब दिरहम (2.4 अरब डॉलर) पर पहुंच गया। यह निवेश 55,928 निवेशकों द्वारा किया गया और विदेशी निवेशकों में मात्रा तथा मूल्य दोनों के हिसाब से भारतीय सबसे आगे रहे। 6,263 भारतीय निवेशकों ने यहां 12 अरब दिरहम (3.2 अरब डॉलर) का निवेश किया।
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भारतीयों से और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी शो के 13वें संस्करण का आयोजन इस साल 2-4 अप्रैल को किया जा रहा है। यूएई का सेफ हेवन दर्जा, स्थिर आर्थिक विकास और कीमतों में कमी ऐसे प्रमुख कारण हैं जो भारतीयों को दुबई में प्रॉपर्टी में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे हैं। इसके अलावा अधिकांश भारतीय भारत और यूरोप तथा मिडिल ईस्ट के बीच कारोबार करने के लिए दुबई को अपना बेस भी बना रहे हैं।
हाई कैपिटल गेंस, इनवेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न, टैक्स-फ्री एनवायरमेंट, भारत से निकटता, पारदर्शी सौदा आदि ऐसे कई कारण हैं, जिसकी वजह से भारतीयों के लिए दुबई एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। दुबई में प्रॉपर्टी पर किराये या रिसेल के रूप में लाभ बहुत अधिक है।
पिछले साल 12,769 जीसीसी नागरिकों ने दुबई प्रॉपर्टी मार्केट में 35 अरब दिरहम (9.5 अरब डॉलर) का निवेश किया, जिसमें से 3,294 निवेशक सऊदी अरब से थे। उन्होंने 8 अरब दिरहम (2.1 अरब डॉलर) का निवेश किया। गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (जीसीसी) सदस्य देशों में बेहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और युनाइटेड अरब अमीरात शामिल हैं। इसके अलावा 3,372 पाकिस्तानी निवेशकों ने यहां पिछले साल 4.4 अरब दिरहम (1.1 अरब डॉलर) का निवेश किया है। वहीं 3,372 ब्रिटिश निवेशकों ने 5.8 अरब दिरहम (1.5 अरब डॉलर) का निवेश किया।