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रिटायर होने के लिए भारत दुनिया में सबसे खराब देश, सिर्फ 25 फीसदी लोगों को मिलती है पेंशन

भारत का पेंशन सिस्‍टम दुनिया में सबसे खराब है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होने के बावजूद भारत में सेवानिवृत्‍त लोगों की स्थिति दयनीय है।

Surbhi Jain
Updated on: October 30, 2015 11:33 IST
रिटायर होने के लिए भारत दुनिया में सबसे खराब देश, सिर्फ 25 फीसदी लोगों को मिलती है पेंशन- India TV Paisa
रिटायर होने के लिए भारत दुनिया में सबसे खराब देश, सिर्फ 25 फीसदी लोगों को मिलती है पेंशन

नई दिल्‍ली। भारत का पेंशन सिस्‍टम दुनिया में सबसे खराब है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होने के बावजूद भारत में सेवानिवृत्‍त लोगों की स्थिति दयनीय है। 2015 मेलबर्न मरसर ग्‍लोबल पेंशन इंडेक्‍स के मुताबिक रिटायरमेंट इनकम सिस्‍टम की 25 देशों की सूची में भारत का नंबर सबसे आखिरी है। यह अध्‍ययन कंसल्‍टेंसी फर्म मरसर ने किया है और यह उसका सातवां साल है। इस अध्‍ययन में दुनिया की 60 फीसदी जनसंख्‍या को कवर किया गया है।

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भारत का स्‍कोर 40.3

इस अध्‍ययन में पेंशन सिस्‍टम को 40 इंडीकेटर्स जैसे सेविंग्‍स, कवरेज ऑफ स्‍कीम्‍स, सरकार पर कर्ज और जनसंख्‍या सहित अन्‍य को मापा गया है। इस इंडेक्‍स में भारत का कुल स्‍कोर 40.3 रहा है, पिछले साल यह स्‍कोर 43.5 था। चीन, कोरिया, जापान और इंडोनेशिया के साथ ही भारत को भी डी ग्रेड दिया गया है। मरसर के मुताबिक यह ग्रेड बताता है कि पेंशन सिस्‍टम में कुछ वांछनीय विशेषताएं हैं लेकिन इसके साथ ही इसमें प्रमुख कमजोरियां भी हैं या उन्‍हें दूर करने की जरूरत है।

अमेरिका भी पीछे

इस इंडेक्‍स में अमेरिका का स्‍कोर 56.3 है, जो कि 60.6 के एवरेज से भी कम है। इस लिस्‍ट में डेनमार्क सबसे ऊपर है, इसका स्‍कोर 81.7 है। अध्‍ययन में कहा गया है कि भारत के कम हुए स्‍कोर का प्रमुख कारण इसकी घरेलू बचत दर में आई गिरावट है।

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भारत में बढ़ रही है वृद्धों की संख्‍या

भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहां वृद्धों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है और इसलिए इसे पेंशन सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए। युनाइटेड नेशन पॉपुलेशन डिविजन के मुताबिक 2010 में भारत की 8 फीसदी जनसंख्‍या की उम्र 60 वर्ष और इससे अधिक थी, जिसके 2050 तक बढ़कर 19 फीसदी होने का अनुमान है। जबकि पेंशन स्‍कीम में कवर किए गए वृद्धों की संख्‍या बहुत कम है।

जीडीपी का 0.032 फीसदी पेंशन खर्च

हेल्‍पएज इंडिया नामक एनजीओ के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव मैथ्‍यू चेरियन का कहना है कि भारत अपनी कुल जीडीपी का केवल 0.032 फीसदी पेंशन पर खर्च करता है। कवरेज के मामले में भारत केवल 25 फीसदी वृद्धों को कवरेज दे रहा है। नेपाल अपनी कुल जनसंख्‍या में 47 फीसदी लोगों को पेंशन कवर दे रहा है। चीन में कवरेज 74 फीसदी है।

80 फीसदी लोग पेंशन से वंचित

भारत में कुल आबादी का 80 फीसदी तबका पेंशन से वंचित हैं। यह स्थिति तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल पेंशन योजना के जरिये इसमें सुधार लाने की बात कही है। यह योजना इस साल मई में लॉन्‍च की गई है और इसका लक्ष्‍य असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ लोगों को पेंशन के दायरे में लाना है।

भारत में नहीं है अनिवार्य पेंशन सिस्‍टम

मरसर रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारत में आय से जुड़ी पेंशन स्‍कीम हैं, जैसे एम्‍पलॉई प्रोवीडेंट फंड स्‍कीम और अन्‍य नियोक्‍ता प्रबंधित फंड, जो कि स्‍वैच्छिक हैं न कि अनिवार्य। उदाहरण के लिए, नेशनल पेंशन स्‍कीम को जनवरी 2004 में लॉन्‍च किया गया था, यह सहभागिता आधारित पेंशन सिस्‍टम है। सहभागिता आधारित पेंशन सिस्‍टम में, कर्मचारी, नियोक्‍ता या दोनों को नियमित तौर पर राशि जमा करनी होती है। लेकिन यह स्‍पष्‍ट है कि इसके द्वारा जुटाई गई राशि वृद्धाअवस्‍था के लिए पर्याप्‍त नहीं होगी।

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