नई दिल्ली। ऑनलाइन हो या रिटेल स्टोर में शॉपिंग, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) ने हमारे लिए किसी भी जगह पेमेंट करना काफी आसान बना दिया है। लेकिन क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जितना सुविधाजनक है, इसके प्रयोग में उससे भी ज्यादा जिम्मेदारी बरतने की जरूरत होती है। क्रेडिट कार्ड एक तरह का पर्सनल लोन है, जिसका सीधा असर अपाके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। क्रेडिट स्कोर के निगेटिव प्वाइंट आपको होमलोन, कार लोन या किसी अन्य पर्सनल लोन लेने में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। वहीं यह सबसे महंगा लोन है, ऐेसे में एक बार क्रेडिट कार्ड पेमेंट डिफॉल्ट करने से आपको ब्याज की भारी चपत लगती है। इसके अलावा ऑनलाइन पेमेंट में फ्रॉड का खतरा भी काफी होता है। इंडिया टीवी पैसा की माई प्रॉफिट टीम आज आपको क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल से जुड़ी चार बातें बताने जा रही है। जिन्हें हर बार कार्ड का इस्तेमाल करने से पहले आपको याद रखना जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड के साथ संभाले अपना क्रेडिट रिकॉर्ड
क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने से पहले आपको अपने क्रेडिट रिकॉर्ड को मेंटेन रखने के बारे में भी सोचना चाहिए। आप जितनी बार क्रेडिट कार्ड पेमेंट लेट या डिफॉल्ट करते हैं इसका असर आपके स्कोर पर पड़ता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड न रखें। अगर आपके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड है और आप उनका इस्तेमाल नहीं करते तो उन्हें बैंक को लौटा दें। अगर आप अपने परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्तिहैं तो कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड परिवार के उस सदस्य के नाम पर लें जो कमाता नहीं है। ऐसे में आप अपना क्रेडिट स्कोर खराब होने से बचा सकते हैं। वहीं यदि आप क्रेडिट कार्ड बंद कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि जिन कार्ड्स की लंबे समय से क्रेडिट हिस्ट्री है उन्हें बंद न करें। केवल उन कार्ड्स को बंद करें, जिनका कोई क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं है।
महंगे इंटरेस्ट चार्ज से बचने के लिए समय पर करें पेमेंट
किसी भी अन्य लोन की तुलना में क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज काफी ज्यादा होता है। यह करीब 30 फीसदी से 35 फीसदी प्रति वर्ष होता है। अगर बैंक आपसे 2 फीसदी से 3 फीसदी का ब्याज कह रहा है तो वह आपको भ्रमित कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अन्य तरह के ब्याज हमेशा सालाना तौर पर बताएं जाते हैं, लेकिन क्रेड्ट कार्ड का ब्याज मासिक आधार पर बताया जाता है। इसका अगर आप एक साल का जोड़ करेंगे तो ब्याज काफी ज्यादा का बनता है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानिए यह जरूरी बातें-
- ग्रेस पिरियड के पूरा होने पर ही ब्याज कैल्कुलेट होता है। सामान्य तौर पर क्रेडिट कार्ड की पेमेंटे में 20 से 25 दिनों का ग्रेस पिरियड होता है।
- अपनी पुरानी पेमेंट साइकल के सभी देय राशि के भुगतान के बाद ही आप ग्रेस पिरियड के योग्य होते हैं।
- इंटरेस्ट रेट 30 फीसदी से 45 फीसदी तक के बीच रहता है।
- जिन क्रेडिट कार्ड में इंटरेस्ट फ्री ईएमआई का विकल्प होता है उनमें प्रोसेसिंग फीस जुड़ी होती है। इसलिए इंटरेस्ट फ्री ईएमआई का चयन करने से पहले प्रोसेसिंग फीस के बारे में पता कर लें।
- अगर क्रेडिट कार्ड की देय राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो एकाउंट बंद करने की तारीख तक बकाया जमा होता रहता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का भुगतान नियमित रूप से करें।
3डी सिक्योर सर्विस
3डी सिक्योर सर्विस सबसे पहले वीजा ने अपने धारकों के लिए पेश की थी। कुछ समय बाद यह सुविधा मास्टरकार्ड ने भी अपना ली थी। यह 3डी सिक्योर सर्विस वीजा (वीबीवी) और मास्टरकार्ड सिक्योर कोड (एमएस) की ओर से वेरिफाई की जाती हैं। अगर आपके पास इनमें से किसी भी कंपनी का कार्ड है तो ध्यान रखें कि ऑनलाइन मर्चेंट्स के लिए एक और ऑथेंटिकेशन स्टेप होता है। इसके जरिए ग्राहकों को ज्यादा सुरक्षा मिलती है।
जानिए कैसे इस सर्विस के लिए खुद को रजिस्टर करें
- हर बैंक की वेबासइट पर पिन रजिस्टर करने के लिए लिंक होता है।
- क्रेडिट या डेबिट कार्ड मिलने पर वेबसाइट पर लॉग इन करें और 3डी सिक्योर को सर्च करें।
- अपना कार्ड नंबर डालें और होम पेज पर लॉग इन करें।
- जनरेट पिन पर क्लिक करें। बाद में पिन नंबर और सिक्रेट वर्ड को बदला जा सकता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग करते समय इस पिन का प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे क्रेडिट कार्ड कैंसल करें
कई बार ऐसा होता है कि क्रेडिट कार्ड एकाउंट बंद करने के बाद भी बैंक फीस चार्ज करते रहते हैं। ऐसे में सुनिश्चित कर लें कि क्रेडिट कार्ड का एकाउंट बंद करते समय पूरी प्रक्रिया का पालन करें ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न आए।
किन बातों का रखें ध्यान
- सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि बैंक आपका एकाउंट तब तक बंद नहीं करता जबतक कि आप देय राशि का भुगतान नहीं कर देते। इसलिए अपने बैंक से संपर्क कर के देय राशि का भुगतान करें।
- देय राशि का भुगतान करने के बाद बैंक को संपर्क कर के बातएं कि आप अपना एकाउंट बंद करना चाहते हैं। और फिर के निर्देश अनुसार प्रक्रिया को पूरा करें।
- एकाउंट बंद होने के बाद बैंक से एकनोलेजमेंट जरूर लें। भविष्य में वेरिफिकेशन के लिए इसको संभालकर रखें। अगर आपको बैंक से कंफर्मेशन लेटर नहीं मिलता है तो बैंक से इसकी मांग करे।
यह भी पढ़ें- Debt Trap: पुराने लोन का Balance ट्रांसफर पड़ सकता है महंगा, नुकसान से बचा सकती हैं ये 5 बातें
यह भी पढ़ें- कर्ज या लोन लेने से पहले याद रखें ये जरूरी 9 बातें