मुंबई। भारत सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा तमाम फिस्कल और मौद्रिक राहत से भारतीय अर्थव्यवस्था में बाउंस बैक की उम्मीद निकट भविष्य में की जा रही है, ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि आनेवाले समय में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 कंपनियां निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैँ। इसे देखते हुए महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने टॉप 250 निवेश योजना को पेश किया है। यह योजना निवेश में वृद्धि और स्थिरता पर फोकस करेगी।
महिंद्रा म्यूचुअल फंड के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी (सीएमओ) जतिंदर पाल सिंह ने बताया कि महिंद्रा टॉप 250 निवेश योजना का लक्ष्य एक ऐसी पोर्टफोलियो का निर्माण करना है, जिसका लॉर्ज और मिड कैप कंपनियों में बराबर का एक्सजोपर हो और यह बाजार चक्र के आधार पर टैक्टिकल कॉल ले। उनके मुताबिक टॉप 250 निवेश योजना उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो लंबी अवधि में संपत्ति का निर्माण और आय चाहते हैं। यह स्कीम क्वालिटी, आउटलुक और वैल्यूएशन (क्यूओवी) प्रक्रिया के जरिये बेहतर रिटर्न की संभावना प्रदान करती है। यह एनएफओ 6 दिसंबर को खुला है और 20 दिसंबर को बंद होगा। यह स्कीम लगातार बिक्री और खरीदी के लिए फिर से अलॉटमेंट की तारीख के बाद 5 व्यवसायिक दिन (वर्किंग डे) के अंदर खुलेगी।
हाल के समय में शीर्ष 250 कैटेगरी ने बेहतर रिटर्न निवेशकों को दिया है, जिसमें 7 और 10 साल की अवधि में इसने कभी निगेटिव रिटर्न नहीं दिया है। 30 जून 2019 के आधार पर भारतीय बाजार के कुल बाजार पूंजीकरण का करीबन 89 फीसदी हिस्सा इन्हीं 250 कंपनियों के पास है। विश्लेषकों के मुताबिक एनएफओ एक बेहतर सिस्टम है, जिसके जरिये निवेश कर लॉर्ज और मिड कैप का लाभ पाया जा सकता है। लॉर्ज कैप इंडेक्स, निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स भले ही नई ऊंचाई पर हों, पर इनका मूल्यांकन अभी भी कम है।
जतिंदर पाल सिंह के मुताबिक स्कीम की योजना सभी बाजार पूंजीकरण में अलोकेट करने की है जिसमें टॉप डाउन और बॉटम अप रणनीति का मिलाजुला रुख होगा, जो रिसर्च और आउटलुक पर आधारित होगा। यह स्कीम 70-199 फीसदी भारत की शीर्ष 250 कंपनियों में निवेश करेगी। हालांकि जब जरूरत होगी तो पोर्टफोलियो को री-अलोकेट भी किया जा सकता है। नियम आधारित पोर्टफोलियो में लॉर्ज कैप और मिड कैप में 35-35 फीसदी का निवेश होगा।