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एक से ज्यादा Health Insurance पॉलिसी में ऐसे करें क्लेम, नहीं होगी कोई दिक्कत

The burgeoning cost of medical treatment has forced people to go for multiple health insurance policies. This secures them from any unforeseen happening

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: August 08, 2016 15:12 IST
Know How: एक से ज्यादा Health Insurance पॉलिसी में ऐसे करें क्लेम, नहीं होगी कोई दिक्कत- India TV Paisa
Know How: एक से ज्यादा Health Insurance पॉलिसी में ऐसे करें क्लेम, नहीं होगी कोई दिक्कत

नई दिल्ली। बढ़ते अस्पतालों के खर्चों से लोग एक से ज्यादा हेल्‍थ इंश्‍योरेंस (Health Insurance) पॉलिसी खरीदते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं, क्योंकि वह भविष्य में आने वाली अनिश्चित मेडिकल खर्चों के लिए तैयर रहना चाहते हैं। इसके पीछे दूसरा कारण यह है कि इंश्योरर सीमित पॉलिसी इश्यू करता है। नियोक्ता की ओर से दी जाने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी अपर्याप्त होती है, जिस वजह से कर्मचारी घर के सदस्यों को ध्यान में रखकर एक से ज्यादा पॉलिसी खरीदते हैं।

यह भी पढ़ें- गंभीर बीमारियों के लिए हेल्‍थ पॉलिसी में होता है वेटिंग पीरिएड, इंश्‍योरेंस लेते वक्‍त इन बातों पर दें ध्‍यान

दो पॉलिसी खरीदना आसान है, लेकिन अधिकांश लोग क्लेम करने की प्रक्रिया नहीं जानते। इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने पाठकों को एक से ज्यादा पॉलिसी में क्लेम करने की पूरी प्रक्रिया समझाने जा रही है।

नई पॉलिसी खरीदते वक्त, पुरानी पॉलिसी के बारे में जानकारी दें-

नई पॉलिसी खरीदते समय मौजूदा पॉलिसी की जानकारी जरूर देनी चाहिए। साथ ही पॉलिसी के एमाउंट का भी खुलासा करना चाहिए। ऐसा न करने पर पॉलिसी के नियम व शर्तों का उल्लंघन माना जाता है। इस स्थिति में इंश्योरर की ओर से दिया जाने वाला सम एश्योर्ड सीमित हो जाएगा और शेष राशि का नुकसान पॉलिसी होल्डर को उठाना पड़ेगा।

अन्य महत्तवपूर्ण जानकारियां

योगदान क्लॉज के तहत यदि आपके पास पहले से कोई और पॉलिसी है तो उससे जुड़ी जानकारी साझा करें। इसके मुताबिक अगर पॉलिसी होल्डर के पास एक से ज्यादा पॉलिसी हैं तो सभी इंश्योरर पॉलिसी के तहत क्लेम को समान रूप से साझा कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति के पास 2 लाख रुपए और 4 लाख रुपए की दो इंश्योरेंस पॉलिसी हैं और वह एक लाख रुपए की राशि क्लेम करता है। इस स्थिति में पहला इंश्योरर 33,333 रुपए और दूसरा इंश्‍योरर 66,666 रुपए का भुगतान करेगा। इसके बाद पॉलिसी होल्डर को सभी जरूरी डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे। डॉक्‍यूमेंट जमा कराने के बाद उसे अपने पहले इंश्योरर से सेटलमेंट सर्टिफिकेट लेना होगा ताकि दूसरे इंश्योरर से राशि क्लेम न कर सके।

पहले के समय में पॉलिसीहोल्डर को अपने सभी इंश्योरर्स को सूचित करना होता था, जो पॉलिसी के आधार पर क्लेम अमाउंट का फैसला करते थे। अब इंश्योर्ड या पॉलिसी होल्डर अपनी किसी भी इंश्योरर के पास जाकर क्लेम कर सकता है। यदि एक पॉलिसी की क्लेम राशि सम एश्योर्ड से ज्यादा हो जाती है तो पॉलिसीहोल्डर अपनी मर्जी से किसी भी इंश्योरर के पास जा सकता है।

क्लेम की प्रक्रिया और समय अवधि

किसी भी तरह के इंश्योरेंस क्लेम का निपटारा एक महीने से 45 दिनों में हो जाता है। एक से ज्यादा पॉलिसी की स्थिति में अगर कोई व्यक्ति कैशलैस क्लेम कर रहा है तो पहला इंश्योरर कैशलैस सेटलमेंट करेगा। जब पहला इंश्योरर भुगतान की जाने वाली राशि की गणना करता है तो वह कटौती और सब लिमिट को शामिल करने के बाद क्लेम राशि देता है। शेष राशि बाद में दी जाती है। दूसरा इंश्योरर इसी प्रक्रिया का पालन करने के बाद अमाउंट का फैसला करता है। इस राशि में से वह पहले इंश्योरर की ओर से दी गई राशि को घटाने के बाद, शेष राशि देगा।

अगर किसी के पास ग्रुप कवर और इंडिविजुअल कवर दोनों है तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक पहले ग्रुप कवर का चयन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रुप पॉलिसी में कम या जीरो वेटिंग पीरियड होता है और साथ ही पॉलिसी के शुरुआत से ही पहले से हुईं बीमारियां इसमें कवर होती हैं। ग्रुप पॉलिसी में किए जाने वाले क्लेम की संख्या से भविष्य में प्रीमियम पर असर नहीं पड़ता है। यदि कुल क्लेम की गई राशि पॉलिसी के तहत सेटल हो जाती है तो इंडिविजुअल कवर को रिन्यू करवाते समय नो क्लेम बोनस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे हॉस्पिटल चार्जेस, डॉक्टर की फीस आदि पर कटौती कर दी जाती है। शेष राशि के लिए पॉलिसीहोल्डर अपने दूसरे इंश्योरर के पास जा सकता है।

अन्य टिप्स

एक से ज्यादा स्मॉल कवर को क्लेम करते समय सम एश्योर्ड, टॉप अप या फिर सुपर टॉप अप प्लान का चयन करें। सुपर टॉप अप प्लान में एक वर्ष के भीतर कितने भी क्लेम किए जा सकते हैं क्योंकि ऐसे प्लान में सभी तरह से हॉस्पिटलाइजेशन खर्चे और बिल कवर होते हैं। ऐसा करना इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि क्लेम राशि की लिमिट ज्यादा होने के बाद भी इंश्योरर उसे रीइंबर्स कर देता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • अस्पताल में भर्ती होते ही तुरंत दोनों इंश्योरर को सूचित करें।
  • पहले इंश्योरर का चयन करें जो पैसे देगा और आगे की प्रक्रिया को पूरा करेगा।
  • सभी दस्तावेज और बिल तैयार रखें।
  • क्लेम करने की संख्या के मुताबिक अस्पताल से अतिरिक्त दस्तावेजों की अटेस्टिड कॉपी रखें।
  • दूसरी कंपनी के पास जाने से पहले पहली कंपनी से क्लेम सेटलमेंट समरी लें।

मेडिकल इमरजेंसी में वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए दो या दो से अधिक पॉलिसी खरीदना आम बात हो गई है। पॉलिसी खरीदने से पहले उससे जुड़ी सभी नियम व शर्तें ध्यान से पढ़ें ताकि क्लेम करने की प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। यदि आप एक से अधिक क्लेम करना नहीं चाहते हैं तो ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का चयन करें जिसका सम एश्‍योर्ड ज्यादा हो।

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